Correct option is D
सही उत्तर:
(D) यमक अलंकार
व्याख्या:
•
यमक अलंकार वह अलंकार है जिसमें एक ही शब्द का अर्थ दो या दो से अधिक स्थानों पर अलग-अलग तरीके से लिया जाता है, या एक ही शब्द का पुनरावृत्ति होती है, लेकिन उसका अर्थ अलग-अलग होता है। • वाक्य
"काली घटा का घमंड घटा नभ मंडल तारका वृन्द खिले" में
'घटा' शब्द का पुनरावृत्ति हुई है, लेकिन पहले 'घटा' का अर्थ है "बादल" और दूसरे 'घटा' का अर्थ है "पात्र"। • यहां 'घटा' शब्द का दो अलग-अलग अर्थों में प्रयोग किया गया है, जो
यमक अलंकार का उदाहरण है।
विकल्पों का विश्लेषण:
विकल्प |
व्याख्या |
सही/गलत |
उपमा अलंकार |
उपमा अलंकार में किसी एक वस्तु का दूसरी वस्तु से तुलना की जाती है, जैसे "वह शेर जैसा है"। यहां ऐसा कुछ नहीं है। |
गलत |
रूपक अलंकार |
रूपक अलंकार में किसी वस्तु या व्यक्ति को दूसरे से व्यक्त किया जाता है, जैसे "वह सिंह है"। यहां ऐसा नहीं है। |
गलत |
श्लेष अलंकार |
श्लेष अलंकार में एक ही शब्द के दो या दो से अधिक अर्थ होते हैं, लेकिन यह शब्दों के भीतर या वाक्य के भीतर घुलते नहीं हैं। यह यमक अलंकार से अलग होता है। |
गलत |
यमक अलंकार |
यमक अलंकार में एक ही शब्द का पुनरावृत्ति होती है, लेकिन उसका अर्थ अलग-अलग होता है, जैसे 'घटा' शब्द का दो अर्थ में प्रयोग हुआ है। |
सही |
अतिरिक्त जानकारी
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
रूपक अलंकार |
जब गुण की अत्यंत समानता के कारण उपमेय और उपमान में कोई अंतर न दिखाई दे और एक दूसरे के समान हो, तो वह रूपक अलंकार कहलाता है। |
"मैया। मैं तो चन्द्र-खिलौना लैहों" (यहां "मैं" को चंद्रमा के समान माना गया है, दोनों के गुण समान हैं) |
श्लेष अलंकार |
जब एक शब्द से हमें दो या दो से अधिक अर्थ प्राप्त होते हैं, तो वह श्लेष अलंकार कहलाता है। |
"मेरी भव बाधा हरो राधा नागरि सोय" और "जा तन की झाँई परे श्याम हरित दुति होय" (यहां 'हरित' शब्द के दो अर्थ - हर्षित और हरा रंग) |
उपमा अलंकार |
जब दो भिन्न वस्तुओं की तुलना की जाती है और समानता दिखाई जाती है, तो वह उपमा अलंकार कहलाता है। |
"हरि पद कोमल कमल" (यहां हरि के पैरों की तुलना कमल के फूल से की गई है) |
· 'घटा' शब्द का दो अलग-अलग अर्थों में प्रयोग हुआ है, जो यमक अलंकार का उदाहरण है।
· इसलिए सही उत्तर है: (D) यमक अलंकार