Correct option is A
सही उत्तर: (A) लम्बा है उदर जिसका = गणेश
व्याख्या:
लम्बा है उदर जिसका = गणेश
यह सामासिक पद सही नहीं है।
"लम्बा है उदर जिसका" का समास "गणेश" के रूप में सही नहीं बनता।
गणेश का अर्थ है "गणों का ईश्वर" और इसका कोई संबंध "लम्बा है उदर जिसका" से नहीं होता। यह समास असंगत है और इसका अर्थ गलत होगा।
विकल्पों का विश्लेषण
सामासिक पद |
विश्लेषण |
निष्कर्ष |
लम्बा है उदर जिसका = गणेश |
यह समास गलत है। "लम्बा है उदर जिसका" का समास "गणेश" के रूप में सही नहीं बनता। गणेश का अर्थ "गणों का ईश्वर" है और इसका इस वाक्य से कोई मेल नहीं है। |
गलत |
चक्र को धारण करने वाला = चक्रधर |
यह समास सही है। "चक्रधर" शब्द "चक्र" और "धारक" से बना है, जो "चक्र को धारण करने वाला" या "जो चक्र धारण करता है" का अर्थ देता है। |
सही |
मन से गढ़ा हुआ = मनगढ़ंत |
यह समास सही है। "मनगढ़ंत" शब्द "मन" और "गढ़ना" से बना है, जिसका अर्थ होता है "मन से गढ़ा हुआ" या "कल्पित"। |
सही |
क्रम के अनुसार = यथाक्रम |
यह समास सही है। "यथाक्रम" शब्द "यथा" (जैसा) और "क्रम" (क्रम) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है "क्रम के अनुसार"। |
सही |
समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य संक्षिप्तिकरण से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है।
जैसे - राजा का पुत्र = राजपुत्र।
समास के प्रकार निम्नलिखित हैं:
समास का नाम |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष समास |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिह्न) का लोप हो। |
गृहस्वामी = घर का मालिक , विद्यादाता = विद्या का दाता |
बहुव्रीहि समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत करते हैं। |
चक्रपाणि = जिसके हाथ में चक्र हो, चतुर्वेदी = चार वेद जानने वाला |
कर्मधारय समास |
जिस समास में विशेषण और विशेष्य के रूप में दोनों पद का संबंध हो। |
श्वेतपुष्प = सफेद रंग का फूल, महानगर = महान है जो नगर |
द्विगु समास |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
चतुर्दिक = चार दिशाओं का समूह, सप्तसागर = सात समुद्र का समूह |
अव्ययीभाव समास |
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त पद अव्यय का काम करें। |
शीघ्रागमन = जल्दी आने वाला, प्रत्यक्ष = सामने रखे हुए |
द्वन्द्व समास |
द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद समान रूप से प्रधान होते हैं। "और," "या," "एवं" आदि शब्दों का लोप होने पर बनता है। |
रामलक्ष्मण = राम और लक्ष्मण, सूर्यचंद्र = सूर्य और चंद्रमा |
भेद |
परिभाषा |
विभक्ति का लोप |
कर्म तत्पुरुष |
क्रिया के कर्म का बोध होता है। |
"को" |
करण तत्पुरुष |
क्रिया के साधन या उपकरण का बोध होता है। |
"से" या "द्वारा" |
संबंध तत्पुरुष |
दो पदों के बीच संबंध का बोध होता है। |
"का," "की," "के" |
अपादान तत्पुरुष |
"से," "द्वारा," या "किससे" का बोध होता है। |
"से" |
सम्प्रदान तत्पुरुष |
"के लिए" या "को" का बोध होता है। |
"के लिए," "को" |
अधिकरण तत्पुरुष |
"में," "पर," "अंदर" आदि का बोध होता है। |
"में," "पर" |
बाकी सभी विकल्प सही हैं।
इसलिए सही उत्तर: (A) लम्बा है उदर जिसका = गणेश
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