Correct option is A
भारतीय शास्त्रीय संगीत में "m" का प्रयोग
तीव्र मध्यम को दर्शाने के लिए किया जाता है। यह "म" स्वर का एक रूप है, जिसमें मध्यम स्वर को तीव्र किया जाता है, यानी, सामान्य "म" से थोड़ा ऊपर की ओर उठाया जाता है। तीव्र मध्यम का प्रयोग रागों में महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह राग की आवाज को और अधिक गहरे और ऊंचे स्वरों में व्यक्त करता है।
मुख्य बिंदु:
1.
तीव्र मध्यम का प्रयोग बहुत से रागों में किया जाता है, जैसे राग यमन, बागेश्वरी आदि।
2. इस स्वर का प्रयोग राग की गम्भीरता और स्वर के प्रभाव को बढ़ाता है।
3. "म" (मध्यम) और "m" (तीव्र मध्यम) के बीच का अंतर इस स्वर की स्थिति में है, जो राग के भाव और गहरी समझ को व्यक्त करता है।
4. तीव्र मध्यम का प्रभाव विशेषकर रात्रि के रागों में दिखता है, जब राग को गंभीर और सजीव रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
5.
m का प्रयोग शास्त्रीय संगीत में राग की स्पष्टता और रस में गहराई लाने के लिए किया जाता है।