Correct option is B
जब किसी राग का आरोह और अवरोह दोनों में
7 स्वरों का प्रयोग होता है, तो वह राग
संपूर्ण-सम्पूर्ण जाति का राग माना जाता है। इसका मतलब है कि राग के आरोह और अवरोह दोनों में
7 स्वरों का समावेश होता है और इन स्वरों में कोई स्वर वर्ज्य नहीं होता है। यह विशेषता उस राग को
संपूर्ण जाति का राग बनाती है।
मुख्य बिंदु:
1.
संपूर्ण-सम्पूर्ण जाति रागों में
आरोह और अवरोह दोनों में 7 स्वरों का प्रयोग होता है।
2. इस प्रकार के रागों में कोई भी स्वर वर्ज्य नहीं होता और सभी स्वरों का समान महत्व होता है।
3. राग
बिलावल,
भैरवी, और अन्य कई रागों को
संपूर्ण-सम्पूर्ण जाति के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
4. इन रागों की प्रकृति प्रायः पूरी होती है, क्योंकि सभी स्वरों का बराबर उपयोग किया जाता है।
5. रागों की यह श्रेणी
उदाहरण के तौर पर हुमान और प्राचीन संगीत में मिलती है और इन्हें सुरीले और समृद्ध राग माना जाता है।