Correct option is A
उस्ताद फैयाज खान ने
बड़ौदा के दरबारी संगीतकार बनने से पहले,
दोपहर 12 बजे से 4 बजे के बीच गायन से
ब्रेक की मांग की थी। इसका कारण था कि यह समय
आराम का समय था। इस समय के दौरान उस्ताद फैयाज खान ने अपने
गायन और रियाज के बीच
आराम की आवश्यकता को महसूस किया।
यह अवधि प्रायः भारतीय शास्त्रीय संगीत के
संगीतज्ञों और कलाकारों के लिए आराम का समय होता है, ताकि वे अपनी
ऊर्जा को पुनः सहेज सकें और अगले सत्र के लिए तैयार हो सकें। इस दौरान उन्हें न केवल शारीरिक आराम की आवश्यकता होती है, बल्कि मानसिक शांति की भी जरूरत होती है, जिससे वे पुनः संगीत में पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर सकें।
मुख्य बिंदु:
1.
आराम का समय: उस्ताद फैयाज खान ने
आराम के लिए गायन से ब्रेक की मांग की थी, ताकि वे शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से तैयार रह सकें।
2.
रियाज और ब्रेक: संगीतज्ञों के लिए लंबे समय तक रियाज करने के बाद कुछ
आराम की आवश्यकता होती है, ताकि वे अपनी ऊर्जा को पुनः सहेज सकें।
3.
संगीतज्ञ का शारीरिक आराम: शास्त्रीय संगीत में गायक और वादक दोनों के लिए
शारीरिक आराम अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।