प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: भारतीय संविधान- वैधानिक, नियामक तथा विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय।
प्रसंग
- हाल ही में, प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण ने कार्लाइल समूह के साथ ऋणदाता के प्रस्तावित ₹4,000 करोड़ के सौदे को लेकर पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस एवं बाजार नियामक सेबी के मध्य विवाद पर एक विभक्त निर्णय दिया।
- सेबी ने मूल्यांकन के मुद्दों पर सौदे का विरोध किया था। न्यायाधिकरण ने अपने अंतरिम आदेश में पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस को सौदे पर शेयरधारकों के वोट के परिणामों को प्रकट करने से रोक दिया।
मुख्य बिंदु
- सैट के बारे में: सेबी अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अंतर्गत निर्मित किया गया एक वैधानिक निकाय।
- प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण की एकमात्र पीठ है जो मुंबई में अधिष्ठित है।
- क्षेत्राधिकार: इसका अधिकार क्षेत्र संपूर्ण भारत पर है।
- सैट की संरचना: इसमें एक पीठासीन अधिकारी एवं दो अन्य सदस्य होते हैं।
- पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति: केंद्र सरकार द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनके नामिती के परामर्श से की जाती है।
- शक्तियां: सैट के पास दीवानी न्यायालय के समान शक्तियां हैं। इसके निर्णयों के विरुद्ध अपील को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है।
- प्रमुख कार्य:
- भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) अथवा अधिनियम के अंतर्गत एक न्यायनिर्णय प्राधिकारी द्वारा पारित निर्णय के विरुद्ध अपीलों की सुनवाई एवं निष्पादन करना।
- इस अधिनियम या तत्समय प्रवर्तित किसी अन्य विधि के अंतर्गत सैट को प्रदत्त अधिकारिता, अधिकार और शक्तियों का प्रयोग करना।
- पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा पारित निर्णयों के विरुद्ध अपीलों की सुनवाई एवं निष्पादन करना।
- भारतीय बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) द्वारा पारित निर्णयों के विरुद्ध अपीलों की सुनवाई एवं निष्पादन करना।
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