प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 3: भारतीय अर्थव्यवस्था-
- योजना, संसाधनों का अभिनियोजन, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे;
- औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर उनके प्रभाव।
प्रसंग
- वैश्विक विनिर्माण जोखिम सूचकांक 2021 में, भारत विश्व स्तर पर द्वितीय सर्वाधिक मांग वाला विनिर्माण गंतव्य बन गया, जो मुख्य रूप से लागत प्रतिस्पर्धात्मकता से प्रेरित है।
- भारत वैश्विक विनिर्माण जोखिम सूचकांक 2021 में संयुक्त राज्य अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए द्वितीय स्थान पर आ गया है जो (अमेरिका) अब तृतीय स्थान पर है।
- विगत वर्ष की रिपोर्ट में, अमेरिका द्वितीय स्थान पर था जबकि भारत तृतीय स्थान पर था।
- लागत परिदृश्य श्रेणी क्रम (रैंकिंग) के मामले में, भारत ने विगत वर्ष की भांति तृतीय स्थान को बरकरार रखा, जबकि वियतनाम को तृतीय स्थान से चतुर्थ स्थान पर धकेल दिया गया।
वैश्विक विनिर्माण जोखिम सूचकांक के बारे में मुख्य बिंदु
- वैश्विक विनिर्माण जोखिम सूचकांक के बारे में: यह यूएस-आधारित संपदा परामर्शदाता कुशमैन एंड वेकफील्ड द्वारा जारी किया जाता है।
- यह यूरोप, अमेरिका और एशिया-प्रशांत (एपीएसी) के 47 देशों में वैश्विक विनिर्माण के लिए सर्वाधिक लाभप्रद स्थानों का आकलन करता है।
- शीर्ष विनिर्माण स्थलों के लिए आधार रेखा श्रेणी क्रम देश की परिचालन स्थितियों एवं लागत प्रभावशीलता के आधार पर निर्धारित की जाती है।
- श्रेणी क्रम के लिए उपयोग किए जाने वाले प्रमुख मापदंड: वैश्विक विनिर्माण जोखिम सूचकांक किसी देश की श्रेणी क्रम निर्धारित करने के लिए चार प्रमुख मापदंडों का उपयोग करता है। वे हैं-
- विनिर्माण को पुनः प्रारंभ करने की देश की क्षमता,
- व्यापारिक परिवेश (प्रतिभा / श्रम की उपलब्धता, बाजारों तक पहुंच),
- परिचालन लागत,
- जोखिम (राजनीतिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय)।
वैकल्पिक निवेश कोष: उभरते सितारे कोष
वैश्विक विनिर्माण जोखिम सूचकांक 2021 के प्रमुख निष्कर्ष
- चीन वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक मांग वाला विनिर्माण गंतव्य है, जो वैश्विक विनिर्माण जोखिम सूचकांक 2021 में प्रथम स्थान पर है।
- अमेरिका तृतीय स्थान पर है, उसके बाद कनाडा, चेक गणराज्य, इंडोनेशिया, लिथुआनिया, थाईलैंड, मलेशिया और पोलैंड हैं।
वैश्विक विनिर्माण जोखिम सूचकांक में बेहतर श्रेणी क्रम का महत्व
- श्रेणी क्रम में सुधार अमेरिका तथा एपीएसी क्षेत्र के देशों सहित अन्य देशों की तुलना में भारत में निर्माताओं द्वारा एक अधिमानित विनिर्माण केंद्र के रूप में रुचि में वृद्धि की अभिव्यक्ति को दर्शाता है।
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वैश्विक विनिर्माण जोखिम सूचकांक में बेहतर श्रेणी क्रम के प्रमुख कारण
- भारत की परिचालन स्थितियां एवं लागत प्रतिस्पर्धात्मकता: वैश्विक निर्माताओं के प्रति इसके आकर्षण का मुख्य कारण है।
- बहि: स्त्रोतन (आउटसोर्सिंग) आवश्यकताओं की पूर्ति करने में भारत की सिद्ध सफलता ने भी वर्ष-दर-वर्ष श्रेणी क्रम में वृद्धि की है।
- अमेरिका-चीन व्यापारिक तनाव: दवा उद्योग, रसायन एवं अभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग) क्षेत्रों में पहले से ही स्थापित आधार के कारण चीन से एशिया के अन्य हिस्सों में संयंत्रों का स्थानांतरण हुआ।
वैश्विक विनिर्माण जोखिम सूचकांक में भारत के लिए सुधार के अवसर
- इन क्षेत्रों में भारत के लिए सुधार की व्यापक संभावना है-
- व्यवसाय संचालित करने में सम्मिलित भू-राजनीतिक जोखिमों का प्रबंधन
- कोविड-19 वायरस की विनाशकारी दूसरी लहर के बाद अपने निर्माण व्यवसाय को पुनः आरंभ करने की क्षमता।