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‘हर घर जल‘ प्रमाणित राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां– विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
‘हर घर जल‘ प्रमाणित राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, गोवा एवं दादरा तथा नगर हवेली एवं दमन तथा दीव (डी एंड एनएच एंड डी एंड डी) देश में क्रमशः प्रथम ‘हर घर जल’ प्रमाणित राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश बन गए हैं।
‘हर घर जल‘ प्रमाणित प्रथम राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश
- गोवा तथा दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव (डी एंड एनएच एंड डी एंड डी) में, सभी गांवों के लोगों ने ग्राम सभा द्वारा पारित एक प्रस्ताव के माध्यम से अपने गांव को ‘हर घर जल’ घोषित किया है।
- इन प्रस्तावों के माध्यम से, ग्राम सभाओं ने प्रमाणित किया कि गांवों के सभी घरों में नल के माध्यम से सुरक्षित पेयजल उपलब्ध है, यह सुनिश्चित करते हुए कि ‘कोई भी छूटा नहीं है’।
- गोवा के सभी 2.63 लाख ग्रामीण परिवारों तथा दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव के 85,156 घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से पीने योग्य पानी की पहुंच है।
- सभी विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों, ग्राम पंचायत भवनों, स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक केंद्रों, आश्रम शालाओं एवं अन्य सरकारी कार्यालयों सहित सार्वजनिक संस्थानों में अब नल कनेक्शन के माध्यम से पीने योग्य जल की पहुंच है।
‘हर घर जल‘ प्रमाणन प्रक्रिया
- प्रमाणन प्रक्रिया: जल जीवन मिशन की मार्गदर्शिका में प्रमाणन की प्रक्रिया का विस्तृत विवरण दिया गया है।
- मार्गदर्शिका के अनुसार सर्वप्रथम क्षेत्र अभियंता (फील्ड इंजीनियर) ग्राम सभा की बैठक के दौरान पंचायत को जलापूर्ति योजना के संबंध में पूर्णता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करते हैं।
- ग्राम सभा के एक प्रस्ताव के माध्यम से गाँव इस बात की पुष्टि करते हैं कि प्रत्येक घर को निर्धारित गुणवत्ता के पेयजल की नियमित आपूर्ति हो रही है एवं एक भी घर नहीं छूटा है।
- वे यह भी पुष्टि करते हैं कि सभी विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों पता अन्य सार्वजनिक संस्थानों को भी नल का पानी मिल रहा है।
- ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (विलेज वॉटर एंड सैनिटेशन कमेटी/वीडब्ल्यूएससी) या पानी समिति: गोवा के सभी 378 गांवों तथा दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव के 96 गांवों में इसका गठन किया गया है।
- ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति ‘हर घर जल’ कार्यक्रम के तहत विकसित जल आपूर्ति बुनियादी ढांचे के संचालन, रखरखाव एवं मरम्मत हेतु उत्तरदायी है।
- ग्राम पंचायत की इस उपसमिति के पास उपभोक्ता शुल्क वसूलने की भी जिम्मेदारी है जिसे बैंक खाते में जमा किया जाएगा।
- इन उपयोक्ता प्रभारों का उपयोग पंप संचालक के मानदेय का भुगतान करने तथा समय-समय पर मामूली मरम्मत कार्य करने के लिए किया जाएगा।
- जल की गुणवत्ता: यह मिशन का एक महत्वपूर्ण पहलू है एवं इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक गांव में कम से कम पांच महिलाओं को जल परीक्षण करने हेतु प्रशिक्षित किया जाता है।
- आज देश में 10 लाख से अधिक महिलाओं को ग्रामीण घरों में आपूर्ति किए जाने वाले पानी की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए फील्ड टेस्ट किट (एफटीके) का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
- इन महिलाओं द्वारा फील्ड टेस्टिंग किट (एफटीके) का उपयोग करके जल के 57 लाख से अधिक नमूनों का परीक्षण किया गया है।
जल जीवन मिशन
- जल जीवन मिशन के बारे में: जल जीवन मिशन भारत सरकार का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है जिसकी घोषणा 15 अगस्त, 2019 को प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले की प्राचीर से की गई थी।
- अधिदेश: जल जीवन मिशन का उद्देश्य 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पर्याप्त मात्रा में, निर्धारित गुणवत्ता एवं नियमित तथा दीर्घकालिक आधार पर पीने योग्य नल के जल की आपूर्ति का प्रावधान करना है।
- कार्यान्वयन: यह कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के साथ साझेदारी में कार्यान्वित किया जाता है।
- प्रदर्शन: देश में 52% से अधिक ग्रामीण परिवार अब नल के जल से जुड़े हैं, जो 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन के शुभारंभ के समय मात्र 17% था।
- वित्त पोषण: जल जीवन मिशन के तहत ‘हर घर जल’ के लिए केंद्रीय बजट 2022 के तहत चालू वित्त वर्ष में 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।