दैनिक समाचार सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी को गति प्रदान करेंगे एवं ये समसामयिक विषयों को व्यापक रूप से समझने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहां हमने राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय, खेल, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी इत्यादि समेत विभिन्न श्रेणियों से संबंधित अधिकांश प्रसंगों को समाविष्ट किया है।
1. यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) द्वारा आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स राउंडटेबल
समाचारों में क्यों है?
केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 24 जून, 2021 को यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स राउंड टेबल में भाग लिया, जिसमें मास्टरकार्ड, मेटलाइफ, प्रूडेंशियल, एयर प्रोडक्ट्स, डेल सॉफ्टबैंक और वारबर्ग पिंकस आदि, सहित कुछ सर्वाधिक बड़े विदेशी निवेशकों की भागीदारी देखी गई।
मुख्य बिंदु हैं:
– इस आयोजन ने निवेशकों को केंद्रीय वित्त मंत्री और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संभावित निवेश के अवसरों पर चर्चा करने और ज़ारी नीतिगत सुधारों की भूमिका पर विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान किया, जो भारत में अधिक से अधिक व्यापारिक सुगमता को सक्षम करेगा।
– श्रीमती सीतारमण ने भारत के व्यापक सुधारों से संबंधित विकास और निवेश के लिए भारत के अवसरों पर चर्चा की, जो देश को विदेशी निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य के रूप में बनाए रखता है।
निवेशकों को दिए गए मुख्य संदेश थे:
- देश में नए कोविड संक्रमणों में उल्लेखनीय कमी और दूसरी लहर का क्षीण होना।
- महामारी के समय सरकार द्वारा प्रभावशाली राहत और सुधार आरंभ किए गए।
- हाल के महीनों में निरंतर वृहद-आर्थिक स्थिरता और आर्थिक सुधार में प्रतिस्थितित्व।
- भारत को आत्मनिर्भर बनाने की परिकल्पना (आत्मनिर्भर भारत)।
- आधारिक अवसंरचना आधारित आर्थिक विकास के लिए उठाए गए कदम।
- निवेशकों के लिए बहु-क्षेत्रीय अवसर सृजित करना।
- विगत 6 वर्षों में सुधारों के क्रियान्वयन का प्रभावशाली गत उपलब्धियां (ट्रैक रिकॉर्ड)।
- एक निवेश गंतव्य के रूप में भारत की अन्य क्षमताएं / लाभ।
- जलवायु, ईएसजी और संधारणीयता केंद्रित निवेशों में निवेश के अवसर।
– एक आत्मनिर्भर आधुनिक भारत के निर्माण के लिए एक समग्र दृष्टि जो 5 “आई” अर्थात, उद्देश्य, समावेश, निवेश, आधारिक अवसंरचना और नवाचार द्वारा संचालित है।
यूएसआईएसपीएफ के बारे में
यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य आर्थिक विकास, उद्यमिता, रोजगार-सृजन और नवाचार के क्षेत्र में पक्षपोषण के माध्यम से भारत-अमेरिका द्विपक्षीय और रणनीतिक साझेदारी को सशक्त बनाना है।
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2. पश्चिम बंगाल ने छात्र क्रेडिट कार्ड योजना को स्वीकृति प्रदान की
समाचारों में क्यों है?
पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने हाल ही में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को स्वीकृति प्रदान की है।
मुख्य बिंदु हैं:
– एक छात्र क्रेडिट कार्ड की सहायता से उच्च अध्ययन करने के लिए 10 लाख रुपए तक का सुलभ ऋण प्राप्त कर सकता है।
– पश्चिम बंगाल में 10 वर्ष व्यतीत करने वाला कोई भी व्यक्ति इसका लाभ प्राप्त कर सकता है।
– भारत या विदेश में स्नातक, स्नातकोत्तर, डॉक्टरेट और पोस्ट-डॉक्टरल अध्ययन के लिए ऋण उपलब्ध होगा।
– कोई व्यक्ति 40 वर्ष की आयु तक योजना के लिए पात्र है।
– छात्र को नौकरी मिलने के पश्चात ऋण अदा करने के लिए पंद्रह वर्ष का समय दिया जाएगा।
– कार्यक्रम का प्रारंभ 30 जून को किया जाएगा।
Daily Gist of ‘The Hindu’, ‘PIB’, ‘Indian Express’ and Other Newspapers: 25 June, 2021
3. ‘नैनोडेकोय’ चिकित्सा सार्स-कोव-2 विषाणु को आबद्ध और निष्प्रभावी करती है
समाचारों में क्यों है?
हाल के एक अध्ययन में पाया गया है कि, नैनो-डिकॉय सार्स-कोव-2 विषाणु को आबद्ध और निष्प्रभावी कर सकते हैं।
मुख्य बिंदु हैं:
– मानव फेफड़े की गोलाभ कोशिकाओं (एलएससी) से निर्मित नैनोडेकोय सार्स-कोव-2 को आबद्ध और निष्प्रभावी कर सकते हैं, वायरल निर्बाधन को प्रोत्साहित कर सकते हैं और कोविड-19 के मैकाक मॉडल में फेफड़ों की क्षति को कम कर सकते हैं।
– विषाणु को लक्षित करने के बजाय विषाणु से आबद्ध ग्राही का अनुकरण करके, नैनोडेकॉय चिकित्सा विषाणु के उभरते हुए रूपों के विरुद्ध प्रभावी रह सकती है।
चिकित्सा किस प्रकार कार्य करेगी?
सार्स-कोव-2 कोशिका में तब प्रवेश करता है जब इसका शूक (स्पाइक) प्रोटीन कोशिका की सतह पर एंजियोटेंसिन-परिवर्तित एंजाइम 2 (ऐस 2) ग्राही से आबद्ध हो जाता है। एलएससी, जो फेफड़े के उपकला स्टेम कोशिकाओं और उपकलाहीन मध्यजनस्तर (मेसेंकाईमल) कोशिकाओं का एक प्राकृतिक मिश्रण है, ऐस 2 को भी व्यक्त करता है। यह एलएससी को कोरोना वायरस को चकमा देने के लिए एक आदर्श वाहक बनाता है।
परीक्षण किस प्रकार किया गया?
वैज्ञानिकों ने पुष्टि की कि शूक प्रोटीन अन्तःपात्र (इन विट्रो) में डिकॉय पर ऐस2 रिसेप्टर्स को आबद्ध करता है। पुनः उन्होंने माउस मॉडल में विवो परीक्षण के लिए एक संविरचित सार्स-कोव-2 अनुकारी विषाणु का प्रयोग किया। डिकॉय अंतःश्वसन चिकित्सा द्वारा वितरित किए गए थे। चूहों में, नैनो-डिकॉय पहली खुराक के बाद 72 घंटे तक फेफड़ों में रहे और अनुकारी विषाणु का त्वरित निर्बाधन हुआ।
नैनो-डिकॉय के बारे में
वे कोशिकीय गूढ लेखन हैं। एक एलएससी अनुमानतः 11,000 नैनो-डिकॉय उत्पन्न कर सकता है। जब इन नैनो-डिकॉय को परिनियोजित किया जाता है, तो वे विषाणु को फंसाने के लिए कृत्रिम आबद्ध स्थलों के पृष्ठ क्षेत्रफल में तीव्रता से वृद्धि करते हैं।
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4. अंटार्कटिक संधि
समाचारों में क्यों है?
हाल ही में अंटार्कटिक संधि की 60वीं वर्षगांठ मनाई गई।
मुख्य बिंदु हैं:
– यह एक एकल संधि का एकमात्र उदाहरण है जो सम्पूर्ण महाद्वीप को शासित करता है।
– यह एक स्थायी जनसंख्या विहीन महाद्वीप के लिए नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की नींव भी है।
संधि के बारे में
– अंटार्कटिक संधि पर 1 दिसंबर 1959 को वाशिंगटन में उन बारह देशों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे, जिनके वैज्ञानिक 1957-58 के अंतर्राष्ट्रीय भूभौतिकी वर्ष (आईजीवाई) के दौरान अंटार्कटिका में और उसके आसपास सक्रिय थे।
– यह 1961 में प्रवर्तन में आया और तब से कई अन्य देशों द्वारा इसे स्वीकृत किया गया है। अब संधि के पक्षकारों की कुल संख्या 54 है।
– बारह आरंभिक हस्ताक्षरकर्ता अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, चिली, फ्रांस, जापान, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, दक्षिण अफ्रीका, सोवियत समाजवादी गणराज्य संघ, यूके और यूएस हैं।
– अंटार्कटिका को 60° द. अक्षांश के दक्षिण में समस्त भूमि और हिम निधानियों के रूप में परिभाषित किया गया है। हाल ही में, एक विशाल हिमखंड ‘ए-76’ अंटार्कटिका में वेडेल सागर में स्थित रोने हिम निधानी के पश्चिमी भाग से उत्पन्न हुआ है।
प्रमुख प्रावधान हैं:
– वैज्ञानिक अनुसंधान की स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना।
– देश महाद्वीप का उपयोग केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए कर सकते हैं।
– सैन्य गतिविधियों, परमाणु परीक्षणों और रेडियो सक्रिय अपशिष्टों के निस्तारण पर प्रतिबंध।
– प्रादेशिक संप्रभुता को निष्प्रभावी करना, इसका तात्पर्य है कि कोई नया दावा करने या मौजूदा दावे के विस्तार पर एक सीमा आरोपित की गई थी।
– इसने महाद्वीप पर अपने क्षेत्रों पर दावेदारों के मध्य किसी भी विवाद पर रोक लगा दी।
– संधि उल्लेखनीय रूप से छोटी है और इसमें मात्र 14 अनुच्छेद हैं। प्रमुख प्रावधानों में वैज्ञानिक अनुसंधान की स्वतंत्रता को प्रोत्साहन देना, महाद्वीप का केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए उपयोग, और सैन्य गतिविधियों पर प्रतिबंध, परमाणु परीक्षण और रेडियो सक्रिय अपशिष्टों का निस्तारण शामिल है।
विवाद और समाधान के बारे में
– समय-समय पर तनाव व्याप्त होता रहा है। उदाहरण के लिए, अर्जेंटीना और यूके के पास महाद्वीप पर क्षेत्र के लिए अतिव्यापी दावे हैं।
– हालांकि, संधि के अस्तित्व में बने रहने का एक प्रमुख कारण कई अतिरिक्त अभिसमयों और अन्य विधिक नवाचारों के माध्यम से विकसित होने की क्षमता है।
– ये समुद्री जैव संसाधनों के संरक्षण, खनन पर प्रतिबंध और व्यापक पर्यावरण संरक्षण तंत्र को अंगीकृत करने से संबंधित हैं।
– जैसा कि विवाद वर्षों में उत्पन्न हुए, इन समझौतों के साथ संधि ढांचे के विस्तार के माध्यम से अनेक संबोधित किए गए हैं। इस ढांचे को अब अंटार्कटिक संधि प्रणाली के रूप में जाना जाता है।
5. जी 20 श्रम एवं रोजगार मंत्रियों की बैठक
समाचारों में क्यों है?
हाल ही में केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री ने कहा है कि भारत श्रम बल की भागीदारी में लैंगिक अंतर को कम करने के लिए सामूहिक प्रयास कर रहा है। वह जी 20 श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक में घोषणा और रोजगार कार्य समूह प्राथमिकताओं पर मंत्रिस्तरीय भाषण दे रहे थे।
जिन मुद्दों पर चर्चा हुई वे हैं:
– रोजगार कार्य समूह ने महिला रोजगार, सामाजिक सुरक्षा और दूरस्थ कार्य सहित प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। बैठक का विषय श्रम बाजारों और समाजों की समावेशी, सतत और लोचशील पुनः प्राप्ति को प्रोत्साहित करना है।
– 2014 में, जी 20 नेताओं ने ब्रिस्बेन में 2025 तक पुरुषों और महिलाओं के मध्य श्रम बल सहभागिता दर में अंतर को 25% तक कम करने का संकल्प लिया, जिसका उद्देश्य 100 मिलियन महिलाओं को श्रम बाजार में लाना, वैश्विक और समावेशी विकास में वृद्धि करना और निर्धनता तथा असमानता को कम करना था।
भारत ने पहल पर प्रकाश डाला
– सवैतनिक मातृत्व अवकाश की अवधि को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया है।
– प्रधानमंत्री मुद्रा योजना महिला उद्यमियों को छोटे उद्यमों को आरंभ करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराता है। इस योजना के अंतर्गत 9 हजार अरब रुपये के संपार्श्विक मुक्त ऋण वितरित किए गए हैं। इस योजना में महिलाओं के लगभग 70% खाते हैं।
– सामाजिक सुरक्षा पर नई संहिता में अब स्व-नियोजित और कार्यबल के अन्य सभी वर्गों को भी सामाजिक सुरक्षा आच्छादन के दायरे में सम्मिलित किया जा सकता है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए 2019 में आरंभ की गई एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना 60 वर्ष की आयु के पश्चात न्यूनतम सुनिश्चित पेंशनका प्रावधान करती है।
– रियाद शिखर सम्मेलन में जी 20 नेताओं ने महिलाओं के रोजगार की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ ब्रिस्बेन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक रोडमैप का आह्वान किया।
– जी20 ‘रोडमैप टुवर्ड्स एंड बियॉन्ड द ब्रिस्बेन टारगेट’को हमारे श्रम बाजारों के साथ-साथ सामान्य रूप से समाज में महिलाओं और पुरुषों के लिए समान अवसर और परिणाम प्राप्त करने के लिए विकसित किया गया है।
– यह रोडमैप महिला सहभागिता, रोजगार गुणवत्ता और लैंगिक समानता (ऑस्ट्रेलिया, 2014) के अभिवर्धन के लिए जी 20 नीति प्राथमिकताओं और महिलाओं की रोजगार की गुणवत्ता में सुधार करके श्रम बल की सहभागिता और वेतन में लैंगिक अंतर को कम करने के लिए जी 20 नीति की सिफारिशों पर आधारित है (जर्मनी, 2017)।
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6. एनएसडीसी, व्हाट्सएप ने डिजिटल कौशल पाठ्यक्रम आरंभ किया
समाचारों में क्यों है?
एनएसडीसी और व्हाट्सएप ने भारत के युवाओं को डिजिटल कौशल पर प्रशिक्षित करने के लिए डिजिटल स्किल चैंपियंस प्रोग्राम आरंभ किया, ताकि उन्हें रोजगार के लिए उद्यत किया जा सके।
प्रमुख बिंदु हैं:
– इस कार्यक्रम के माध्यम से, विद्यालय और विश्वविद्यालय के छात्रों को डिजिटल सुरक्षा और ऑनलाइन गोपनीयता सहित डिजिटल कौशल में प्रशिक्षित किया जाएगा।
– पाठ्यक्रम के अंत में, छात्रों को ‘डिजिटल स्किल चैंपियंस’ प्रमाणन प्राप्त होगा।
– यह पहल पांच राज्यों – राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में 50 परिसरों में एक पायलट योजना के साथ प्रारंभ होगी।
– इस कार्यक्रम के माध्यम से व्हाट्सएप प्रधानमंत्री कौशल केंद्र के प्रशिक्षकों को व्हाट्सएप बिजनेस एप से परिचित कराने के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेगा।
– प्रशिक्षण में व्हाट्सएप बिजनेस ऐप और लघु व्यवसाय उद्यमिता के लाभों के उत्तोलन पर मॉड्यूल सम्मिलित होंगे।
– प्रशिक्षित छात्र छोटे व्यवसाय उद्यमी बनने के इच्छुक युवाओं को व्हाट्सएप बिजनेस ऐप प्रशिक्षण का प्रबंधन और व्यवस्थापन करेंगे।
7. तिब्बत में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन
समाचारों में क्यों है?
चीन तिब्बत के सुदूर हिमालयी क्षेत्र में प्रथम इलेक्ट्रिक ट्रेन का संचालन करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है।
प्रमुख बिंदु हैं:
– यह प्रांतीय राजधानी ल्हासा को न्यिंगची से जोड़ेगा – जो अरुणाचल प्रदेश के समीप रणनीतिक रूप से स्थित एक तिब्बती सीमावर्ती शहर है।
– आधिकारिक मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 1 जुलाई को चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के शताब्दी समारोह से पूर्व सिचुआन-तिब्बत रेलवे के 435.5 किलोमीटर लंबे ल्हासा-न्यिंगची खंड का उद्घाटन होने की संभावना है।
– विद्युत पारेषण प्रक्रिया परीक्षित एवं पूर्ण हो चुकी है, सरकारी सीसीटीवी ने इससे पहले ल्हासा-न्यिंगची रेलवे के मुख्य अभियंता लियू यक्सियांग के हवाले से कहा था।
– सिचुआन-तिब्बत रेलवे किंघाई-तिब्बत रेलवे के बाद तिब्बत में दूसरा रेलवे होगा। यह किंघाई-तिब्बत पठार के दक्षिण-पूर्व से होकर गुजरेगा, जो विश्व के भूगर्भीय रूप से सर्वाधिक सक्रिय क्षेत्रों में से एक है।
– नवंबर में, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अधिकारियों को तिब्बत में सिचुआन प्रांत और न्यिंगची को जोड़ने वाली नई रेलवे परियोजना के निर्माण में यह कहते हुए तेजी लाने का निर्देश दिया था, कि नई रेल लाइन सीमा स्थायित्व की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
– सिचुआन-तिब्बत रेलवे सिचुआन प्रांत की राजधानी चेंगदू से शुरू होती है, और या’न के माध्यम से यात्रा करती है और कम्दो के माध्यम से तिब्बत में प्रवेश करती है, चेंगदू से ल्हासा की यात्रा अवधि को 48 घंटे से कम कर 13 घंटे कर देती है।
– न्यिंगची मेडोग का प्रशासक प्रांतीय स्तर का शहर है जो अरुणाचल प्रदेश की सीमा से आसन्न है।
‘द हिंदू’, ‘पीआईबी’, ‘इंडियन एक्सप्रेस’ एवं अन्य समाचार पत्रों का दैनिक सार: 24 जून, 2021