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प्रसंग
- हाल ही में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने बिग बास्केट, डोमिनोज, मोबिक्विक तथा एयर इंडिया के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कथित साइबर सुरक्षा उल्लंघनों एवं डेटा लीक की रिपोर्ट पर कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी इन) की निष्क्रियता को चिन्हांकित करने वाली एक याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है।
कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी इन)
- सीईआरटी-इन के बारे में: 2004 में स्थापित, सीईआरटी-इन कंप्यूटर सुरक्षा घटनाओं के घटित होने पर प्रतिक्रिया देने हेतु राष्ट्रीय केन्द्रक अभिकरण (नोडल एजेंसी) है।
- सीईआरटी-इन का कार्य क्षेत्र भारतीय साइबर समुदाय है।
- मुख्यालय: नई दिल्ली
- जनक मंत्रालय: इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक कार्यात्मक संगठन के रूप में कार्य करता है।
- प्रमुख कार्य: जैसा सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम 2008 द्वारा प्रावधान किया गया है। साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में निम्नलिखित कार्यों को संपादित करने हेतु राष्ट्रीय एजेंसी के रूप में कार्य करने के लिए सीईआरटी-इन को नामित किया गया है:
- साइबर घटनाओं पर सूचना का संग्रह, विश्लेषण तथा प्रसार।
- साइबर सुरक्षा घटनाओं का पूर्वानुमान एवं चेतावनी।
- साइबर सुरक्षा घटनाओं से निपटने के लिए आपातकालीन उपाय।
- साइबर घटना प्रतिक्रिया गतिविधियों का समन्वय।
- सूचना से संबंधित दिशा-निर्देश, परामर्श, प्रवणता टिप्पणियाँ एवं श्वेत पत्र जारी करना।
- साइबर घटनाओं की सुरक्षा अभ्यासों, प्रक्रियाओं, रोकथाम, प्रतिक्रिया एवं प्रतिवेदन।
- साइबर सुरक्षा से संबंधित ऐसे अन्य कार्य जो विहित किए जाएं।
साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदम
- राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, 2013: नागरिकों, व्यवसायों एवं सरकार के लिए एक सुरक्षित एवं लोचशील साइबर स्पेस निर्मित करने का लक्ष्य रखती है।
- साइबर स्वच्छता केंद्र: वे बॉटनेट मार्जन (क्लीनिंग) एवं मैलवेयर विश्लेषण केंद्र हैं, जो साइबर सुरक्षा उल्लंघनों से निपटने तथा उनकी वृद्धि को रोकने हेतु निर्मित किए गए हैं।
- इसे 2017 में सीईआरटी-इन द्वारा भारत में साइबर सुरक्षा के लिए एक डेस्कटॉप एवं मोबाइल सुरक्षा समाधान के रूप में आरंभ किया गया था।
- साइबर सुरक्षित भारत योजना: यह एक जागरूकता उत्पन्न करने हेतु संदर्भित कार्यक्रम है एवं साइबर सुरक्षा स्वास्थ्य उपकरण किट के साथ सर्वोत्तम अभ्यासों तथा अधिकारियों की सक्षमता पर कार्यशालाओं का आयोजन करता है।
- इसे इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 2018 में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (एनईजीडी) तथा उद्योग जगत के प्रतिभागियों के सहयोग से प्रारंभ किया गया था।
- भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी): भारत में व्यापक एवं समन्वित रूप से साइबर अपराध से निपटने के लिए निर्मित किया गया था।
- 2018 में स्थापित एवं गृह मंत्रालय के अधीन कार्यरत है।