
निर्देश (1-7): निम्न गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिएः
हम लोग जब हिन्दी की ‘सेवा’ करने की बात सोचते हैं, तो प्रायःभूल जाते हैं कि यह लाक्षणिक प्रयोग है। हिन्दी की सेवा का अर्थ है उस मानव-समाज की सेवा, जिसके विचारों के आदान-प्रदान का माध्यम हिन्दी है। मनुष्य ही बड़ी चीज है, भाषा उसी की सेवा के लिए है। साहित्य-सृष्टि का भी यही अर्थ है। जो साहित्य अपने-आप के लिए लिखा जाता है उसकी क्या कीमत है, मैं नहीं कह सकता, परन्तु जो साहित्य मनुष्य-समाज को रोग-शोक दारिद्रय, अज्ञान तथा परमुखापेक्षिता से बचाकर उसमें आत्मबल का संचार करता है, वह निश्चय ही अक्षय-निधि है।
Q1. ‘परमुखापेक्षिता’ का अर्थ है-
(a) दूसरों से आशा रखना
(b) पराया मुख अच्छा लगना
(c) पराये मुख की अपेक्षा करना
(d) ईश्वर का मुख
Q2. कौन शब्द स्त्रीलिंग नहीं है?
(a) सेवा
(b) भाषा
(c) प्रयोग
(d) हिन्दी
Q3. इस गद्यांश में प्रयुक्त ‘अर्थ’ शब्द का अर्थ नहीं है-
(a) आशय
(b) मतलब
(c) धन
(d) अभिप्राय
Q4. कौन शब्द एकवचन है?
(a) विचारों
(b) भाषाओं
(c) अक्षय
(d) मनुष्यों
Q5. ‘कीमत’ का बहुवचन है-
(a) कीमती
(b) कीमतों
(c) किमतों
(d) किम्मत
Q6. ‘माध्यम’ का बहुवचन है-
(a) मध्यमा
(b) माध्यमिक
(c) मध्यम
(d) माध्यमों
Q7. ‘अक्षय-निधि’ का अर्थ है-
(a) बिना क्षय रोग
(b) किसी का नाम
(c) कभी खत्म न होने वाली संपत्ति
(d) रोग रहित निधि
निर्देश (8-10): निम्न गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिएः
कोई भी समाज शून्य में जीवित नहीं रह सकता। उसे अपने लोगों, अपने पशुओं, अपनी जमीन, अपने पेड़-पौधों, अपने कुएँ, अपने तालाबों, अपने खेतों के लिए कोई-न-कोई ऐसी व्यवस्था बनानी पड़ती है, जो समयसिद्ध और स्वयंसिद्ध हो। काल के किसी खण्ड विशेष में समाज के सभी सदस्यों के साथ मिल-जुलकर, पाल-पोसकर बड़ा करते हैं और मजबूत बनाते हैं। अपने ऊपर खुद लगाया हुआ यह अनुशासन एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को सौंपा जाता है।
Q8. निम्न में तत्सम शब्द है-
(a) जमीन
(b) शून्य
(c) खुद
(d) मजबूत
Q9. निम्न में विदेशी शब्द है-
(a) पेड़
(b) खण्ड
(c) तालाब
(d) खुद
Q10. ‘जमीन’ का पर्यायवाची नहीं है-
(a) पृथ्वी
(b) धरती
(c) विटप
(d) धरणी
Solutions
S1. Ans.(a)
Sol. ‘परमुखापेक्षिता’ का अर्थ है- दूसरों से आशा रखना।
S2. Ans.(c)
Sol. ‘प्रयोग’ शब्द स्त्रीलिंग नहीं है, जबकि अन्य शब्द ‘सेवा’, ‘भाषा’, ‘हिन्दी’ स्त्रीलिंग हैं।
S3. Ans.(c)
Sol. उपर्युक्त गद्यांश में प्रयुक्त ‘अर्थ’ शब्द का अर्थ ‘धन’ से नहीं है।
S4. Ans.(c)
Sol. ‘अक्षय’ शब्द एकवचन है, जबकि अन्य शब्द बहुवचन के रूप हैं। जिन शब्दों से केवल एक वस्तु का बोध होता है, उसे ‘एकवचन’ कहते हैं।
S5. Ans.(b)
Sol. ‘कीमत’ का बहुवचन ‘कीमतों’ होगा।
S6. Ans.(d)
Sol. ‘माध्यम’ का बहुवचन ‘माध्यमों’ होगा। जिन शब्दों से बहुत-सी वस्तुओं का बोध होता है, उसे ‘बहुवचन’ कहते हैं।
S7. Ans.(c)
Sol. ‘अक्षय-निधि’ से तात्पर्य कभी खत्म न होने वाली संपत्ति से है।
S8. Ans.(b)
Sol. ‘शून्य’ तत्सम शब्द है, इसका तद्भव ‘सूना’ होता है।
S9. Ans.(d)
Sol. ‘खुद’ शब्द फारसी (विदेशी) है।
S10. Ans.(c)
Sol. पृथ्वी, धरती, धरणी, भू, वसुन्धरा आदि ‘जमीन’ के पर्यायवाची शब्द है, जबकि विटप, ‘वृक्ष’ का पर्यायवाची है।