
हिंदी भाषा TET परीक्षा का एक महत्वपूर्ण भाग है इस भाग को लेकर परेशान होने की जरुरत नहीं है .बस आपको जरुरत है तो बस एकाग्रता की. ये खंड न सिर्फ CTET Exam (परीक्षा) में एहम भूमिका निभाता है अपितु दूसरी परीक्षाओं जैसे UPTET, KVS,NVS DSSSB आदि में भी रहता है, तो इस खंड में आपकी पकड़, आपकी सफलता में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है.TEACHERS ADDA आपके इस चुनौतीपूर्ण सफ़र में हर कदम पर आपके साथ है।
Q1. उद्धरण चिह्न का प्रयोग कब किया जाता है?
(a) जब किसी का कथन ज्यों-का-त्यों लिखा जाता है।
(b) जब किसी वाक्य में उदाहरण का प्रयोग किया जाता है।
(c) जब वाक्य में प्रश्नवाचक चिह्न का प्रयोग किया गया हो।
(d) जब वाक्य में योजक चिह्न का प्रयोग किया गया हो।
Q2. अहा_____कितना सुंदर पुष्प खिला है। रिक्त स्थान पर कौन-सा चिह्न प्रयोग करना उचित होगा?
(a) –
(b) ,
(c) !
(d) ।
Q3. निर्देशक चिह्न या रेखिका का प्रयोग किया जाता है-
(a) संकेत के लिए
(b) विवरण के लिए
(c) लोप-निर्देश के लिए
(d) समानता सूचक के लिए
Q4. संक्षिप्त रूप दिखाने के लिए किस चिह्न का प्रयोग किया जाता है?
(a) :-
(b) .
(c) ;
(d) =
Q5. दिवा____ दिवस में रिक्त स्थान पर उचित चिह्न का प्रयोग कीजिए-
(a) =
(b) .
(c) –
(d) :-
Q6. ‘पुरुषोत्तम’ में कौन-सा समाज है?
(a) अव्ययीभाव
(b) द्वंद्व
(c) द्विगु
(d) तत्पुरुष
Q7. ‘चक्रपाणि’, ‘चन्द्रभाल’ तथा ‘चुलोचना’ में क्रमशः समास हैं-
(a) कर्मधारय, द्वंद्व, तत्पुरुष
(b) सभी सम्प्रदान तत्पुरुष
(c) सभी बहुब्रीहि
(d) तत्पुरुष, कर्मधारय, द्वंद्व
Q8. ‘गुणहीन’ में कौन-सा समास है?
(a) कर्मधारय
(b) तत्पुरुष
(c) अव्ययीभाव
(d) द्वंद्व समास
Q9. ‘श्यामसुंदर’ में कौन-सा समास है?
(a) तत्पुरुष
(b) कर्मधारय
(c) अव्ययीभाव
(d) द्वंद्व
Q10. जब दो शब्द समास बनकर तीसरे शब्द का विशेषण बन जाएं, तो उसे क्या कहते हैं?
(a) द्विगु
(b) द्वंद्व
(c) बहुब्रीहि
(d) कर्मधारय
Solutions
S1. Ans.(a)
Sol. व्याख्या- जब किसी पुस्तक से कोई वाक्य या किसी का कथन ज्यों-का-त्यों उद्धृत कर लिया जाता है, तो वहाँ उद्धरण चिह्न का प्रयोग होता है।
S2. Ans.(c)
Sol. व्याख्या- जब वाक्य में आश्चर्य या विस्मय का बोध हो, तो वहाँ पर विस्मयबोधक चिह्न (!) का प्रयोग किया जाता है। उपर्युक्त वाक्य में विस्मय का बोध हो रहा है।
S3. Ans.(a)
Sol. व्याख्या- निर्देशक चिह्न या रेखिका का प्रयोग संकेत के लिए किया जाता है। यथा-शब्द के दो भेद हैं-सार्थक और निरर्थक।
S4. Ans.(b)
Sol. व्याख्या- जब शब्दों का संक्षिप्त रूप लिखना होता है, तो शब्द का पहला अक्षर लिखने के बाद संक्षेपण चिह्न (.) का प्रयोग किया जाता है।
S5. Ans.(a)
Sol. व्याख्या- जब पहले शब्द का अर्थ वही होता है, जो दूसरे शब्द का अर्थ होता है, तो वहाँ समानता सूचक (=) चिह्न का प्रयोग किया जाता है। रिक्त स्थान पर = चिह्न का प्रयोग होगा।
S6. Ans.(d)
Sol. व्याख्या- यह तत्पुरुष समास के सप्तमी तत्पुरुष (अधिकरण तत्पुरुष) के अंतर्गत है। जिस समास में अंतिम पद प्रधान होता है, तत्पुरुष समास कहलाता है। मुरुषोत्तम का अभिप्राय है पुरुषों में उत्तम, जो कि अधिकरण कारक होने के कारण सप्तमी तत्पुरुष है।
S7. Ans.(c)
Sol. व्याख्या- जिस समास में कोई पद प्रधान नहीं होता तथा दोनों मिलकर एक नया अर्थ प्रकट करते हैं, बहुब्रीहि समास कहलाते हैं। जैसे- चक्रपाणि चक्र है जिसके पाणि में अर्थात् विष्णु, चन्द्रभाल चन्द्र है जिसके भाल पर अर्थात् शंकर, सुलोचना सुंदर हैं लोचन जिसके अर्थात् मेघनाद की पत्नी।
S8. Ans.(b)
Sol. व्याख्या- गुणहीन का समास विग्रह है- ‘गुण से हीन’। इसमें करण कारक का प्रयोग है, अर्थात् करण तत्पुरुष (तृतीया तत्पुरुष)। करण तत्पुरुष के अन्य उदाहरण हैं- वाग्युद्ध, तुलसीकृत इत्यादि।
S9. Ans.(b)
Sol. व्याख्या- श्यामसुंदर में प्रथम पद विशेषण है। जिस समास के विग्रह में दानों पदों के साथ एक ही कर्ता कारक की विभक्ति आती है, उसे कर्मधारय समास कहा जाता है।
S10. Ans.(c)
Sol. व्याख्या- जब दो शब्द समास बनकर तीसरे शब्द का विशेषण बन जाए तो वहाँ पर बहुब्रीहि समास होता है। जैसे- पीताम्बर-पीला है अम्बर जिसका अर्थात् कृष्ण। यहाँ पीताम्बर कृष्ण की विशेषता बताता है।
You may also like to read :