
Q1. ‘स्वयंवर’ शब्द में कौन-सा उपसर्ग प्रयुक्त है?
(a) स्व
(b) स
(c) स्वयं
(d) सम्
Q2. ‘गवैया’ किस प्रत्यय का शुद्ध रूप है?
(a) कर्तृवाच्य
(b) कर्मवाचक कृत् प्रत्यय
(c) करण वाचक कृत् प्रत्यय
(d) भाववाचक कृत् प्रत्यय
Q3. वह कौन-सा शब्द है, जो प्रायः बहुवचन में प्रयुक्त होता है?
(a) देव
(b) छात्र
(c) नक्षत्र
(d) प्राण
Q4. उपयुक्त वाक्यांश का चयन कीजिए
बलिदान की भावना के प्रेरक होते हैं-
(a) समाज-सुधारक
(b) संस्कृति पुरुष
(c) देशभक्त
(d) स्वामिभक्त
Q5. रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए-
महात्मा गाँधी अहिंसा के साक्षात् ………………. थे।
(a) विग्रह
(b) अनुग्रह
(c) परिग्रह
(d) अपरिग्रह
Q6. रिक्त स्थानों की पूर्ति के लिए उपयुक्त कारक चिह्न का चयन कीजिए-
प्रत्येक प्रश्न ……………… चार संभावित उत्तर दिये गये हैं।
(a) के लिए
(b) में
(c) के
(d) से
Q7. निम्न में से मुहावरा नहीं है-
(a) अंग लगना
(b) अंगारे उगलना
(c) अंत भला तो सब भला
(d) अंग-अंग फड़कना
Q8. ‘दुष्ट लड़के ऊधम मचाते हैं।’ वाक्यांश में उद्देश्य का विस्तार है-
(a) लड़के
(b) दुष्ट
(c) ऊधम
(d) मचाते हैं
Q9. “शायद आज रोशनी गुल हो जाए और सिनेमा न हो” वाक्य में अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद होगा-
(a) संकेतवाचक
(b) विधानवाचक
(c) इच्छाबोधक
(d) संदेहवाचक
Q10. “वाक्यों में ऐसे शब्दों को छोड़ दिया जाता जिनके न रहने पर भी प्रसंग में वाक्य को समझने में बाधा नहीं पड़ती।” कहलाती है-
(a) अर्थान्तर
(b) कल्पनातीत
(c) वाक्यार्थ
(d) अध्याहार
Solutions
S1. Ans.(c)
Sol. स्वयंवर (स्वयं + वर) शब्द में ‘स्वयं’ उपसर्ग प्रयुक्त है।
S2. Ans.(a)
Sol. ‘गवैया’ में ‘वैया’ प्रत्यय लगा है, जो कर्तृवाच्य है।
S3. Ans.(d)
Sol. प्राण, दर्शन, लोग, आँसू, ओठ, दाम, अक्षत प्रायः बहुवचन में प्रयुक्त होते हैं।
S4. Ans.(c)
Sol. बलिदान की भावना के प्रेरक ‘देशभक्त’ होते हैं।
S5. Ans.(a)
Sol. महात्मा गाँधी अहिंसा के साक्षात् विग्रह थे। अतः रिक्त स्थान पर ‘विग्रह’ होगा।
S6. Ans.(c)
Sol. प्रस्तुत वाक्य में प्रश्न का सम्बन्ध दिये संभावित उत्तर से है। अतः यहाँ सम्बन्ध कारक चिह्न ‘के’ का प्रयोग होगा।
S7. Ans.(c)
Sol. ‘अंत भला तो सब भला’ लोकोक्ति है, जबकि शेष वाक्य मुहावरे हैं।
S8. Ans.(b)
Sol. ‘दुष्ट लड़के ऊधम मचाते हैं।’ वाक्यांश में ‘दुष्ट’ उद्देश्य का विस्तार है।
उद्देश्य- विस्तार शब्द प्रायः विशेषण, सम्बन्धकारक वाक्यों में होते हैं।
S9. Ans.(d)
Sol. “शायद आज रोशनी गुल हो जाए और सिनेमा न हो।” वाक्य में अर्थ की दृष्टि से संदेहवाचक वाक्य है।
S10. Ans.(d)
Sol. कभी-कभी वाक्य में संक्षेप अथवा गौरव लाने के लिए कुछ ऐसे शब्द छोड़ दिए जाते हैं, जो वाक्य के अर्थ पर से सहज ही जाने अथवा समझे जा सकते हैं। भाषा के इस व्यवहार को अध्याहार कहते हैं। यह दो प्रकार का होता है- पूर्ण अध्याहार तथा अपूर्ण अध्याहार। पूर्ण अध्याहार में छोड़ा हुआ शब्द पहले कभी नहीं आता, जबकि अपूर्ण अध्याहार में छोड़ा हुआ शब्द एक बार पहले आ चुकता है।