
निर्देशः(1-7) निम्नलिखित छंद के लिए सही विकल्प चुनिये।
Q1. रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।
पानी गए न ऊबरे, मोती मानूस चून।।
(a) दोहा
(b) मंजरी
(c) चौपाई
(d) काकली
Q2. हिन्दी के उद्धार हित, कष्ठ अनेकन जिन सहे।
भारतेन्दु हरिचन्द की उज्ज्वल कीर्ति सदा रहे।
(a) उल्लाला
(b) बरवै
(c) दोहा
(d) मालिनी
Q3. किसको पुकारे यहाँ रोकर अरण्य बीच।
चाहे जो करो शरण्य शरण तिहारे हैं।।
(a) उल्लाला
(b) छप्पय
(c) रोला
(d) घनाक्षरी
Q4. मंगल भवन अमंगल हारी।
द्रवहु सो दशरथ अजिर बिहारी।।
(a) सोरठा
(b) सवैया
(c) चौपाई
(d) दोहा
Q5. जो रहिमन उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग।
चंन्दन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग।
(a) चौपाई
(b) दोहा
(c) सोरठा
(d) सवैया
Q6. कहती हुई यों उत्तरा के नेत्र जल से भर गए।
हिम के कणों से पूर्ण मानो हो गए पंकज नए।।
(a) कवित्त
(b) बरवै
(c) हरिगीतिका
(d) घनाक्षरी
Q7. रसखानि कबौं इन आँखिन ते ब्रज के बन बाग तड़ाग निहारौं।
(a) दोहा
(b) सवैया
(c) मालिनी
(d) सोरठा
Q8. वर्ण, मात्रा, गति, यति आदि के नियन्त्रित रचना को क्या कहते हैं?
(a) छन्द
(b) दोहा
(c) अलंकार
(d) रस
Q9. छन्द की प्रत्येक पंक्ति को क्या कहते हैं?
(a) वाक्य
(b) चौपाई
(c) चरण
(d) यति
Q10. प्रवाह लाने के लिए छन्द की पंक्ति में ठहरना कहलाता है-
(a) गति
(b) यति
(c) तुक
(d) लय
Solutions
S1. Ans.(a)
Sol. रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुस, चून।। उपर्युक्त पंक्तियों में ‘दोहा’ छन्द है।
S2. Ans.(a)
Sol. हिन्दी के उद्धार हित, कष्ट अनेकन जिन सहे। भारतेन्दु हरिचन्द की, उज्ज्वल कीर्ति सदा रहे।। उपर्युक्त पंक्तियों में ‘उल्लाला’ छन्द है। उल्लाला छन्द में पन्द्रह एवं तेरह मात्राओं की यति पर 28 मात्राएँ होती हैं। इसके विषम चरणों में पन्द्रह-पन्द्रह एवं सम चरणों में तेरह-तेरह मात्राएँ होती हैं।
S3. Ans.(d)
Sol. किसको पुकारे यहाँ रोकर अरण्य बीच। चाहे जो करो शरण्य शरण तिहारे हैं।। उपर्युक्त पंक्तियों में ‘घनाक्षरी’ छन्द है। घनाक्षरी वर्णिक छन्द है। रूप घनाक्षरी के प्रत्येक चरण में बत्तीस वर्ण होते हैं। आठ, आठ, आठ, आठ वर्गों पर यति होती है।
S4. Ans.(c)
Sol. मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवह सो दशरथ अजिर बिहारी।। उपर्युक्त पक्तियों में सम मात्रिक ‘चौपाई’ छंद है।
S5. Ans.(b)
Sol. जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग। चन्दन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग।। उपर्युक्त पंक्तियों में अर्द्ध सम मात्रिक ‘दोहा’ छंद है।
S6. Ans.(c)
Sol. कहती हुई यों उत्तरा के नेत्र जल से भर गए। हिम के कणों से पूर्ण मानो हो गए पंकज नए।। उपर्युक्त पंक्तियों में सम मात्रिक छन्द ‘हरिगीतिका’ है।
Sol. ‘रसखानि कबौं इन आँखिन ते ब्रज के बन बाग तड़ाग निहारौं।’ उपर्युक्त पंक्तियों में बाइस से छब्बीस वर्णों वाला चार चरणों का सवैया छन्द है।
S8. Ans.(a)
Sol. छन्द की रचना वर्ण, मात्रा, यति गति आदि के नियंत्रण द्वारा होती है।
S9. Ans.(c)
Sol. छन्द की प्रत्येक पंक्ति को ‘चरण कहते हैं।
S10. Ans.(b)
Sol. प्रवाह लाने के लिए छन्द की पंक्ति में ठहरने को यति कहते हैं।