हिंदी भाषा CTET परीक्षा का एक महत्वपूर्ण भाग है इस भाग को लेकर परेशान होने की जरुरत नहीं है .बस आपको जरुरत है तो बस एकाग्रता की. ये खंड न सिर्फ HTET Exam (परीक्षा) में एहम भूमिका निभाता है अपितु दूसरी परीक्षाओं जैसे UPTET, KVS,NVS DSSSB आदि में भी रहता है, तो इस खंड में आपकी पकड़, आपकी सफलता में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है.TEACHERS ADDA आपके इस चुनौतीपूर्ण सफ़र में हर कदम पर आपके साथ है।
निर्देश (1-5)- नीचे दिए गए गद्यांश को पढें। इसमें कई स्थान रिक्त छोड़े गए हैं। प्रत्येक रिक्त स्थान के लिए दी गई संख्या ही प्रश्न संख्या है। रिक्त स्थानों की पूर्ति के लिए उपयुक्त शब्द गद्यांश के नीचे प्रश्न संख्या के साथ विकल्प रूप में दिए गए हैं। सही विकल्प का चयन करें।
फसल की पैदावार बढ़ाने के नाम पर कीटनाशी रसायनों का प्रयोग 1 बढ़ा है। इन रसायनों के 2 उपयोग का परिणाम यह हुआ है कि केवल मनुष्य ही नहीं, अनेक पशु-पक्षी और जलीय जीव भी इनके घातक प्रभाव से 3 हैं। विश्व स्वास्थय संगठन ने अपनी एक ताजा सर्वेक्षण-रिपोर्ट में बताया है कि कीटनाशी रसायनों के घातक प्रभाव से प्रति वर्ष न्यूनतम आठ लाख लोग प्रभावित और लगभग पंद्रह हजार मौत का शिकार होते हैं। जो मरते नहीं, वे 4 प्रकार की बीमारियों से 5 होतें हैं। कीटनाशी रसायनों के कारण प्रभावित बीमार लोगों की सूची में भारत का स्थान विश्व में तीसरा है।
Q1.
(a) कुछ
(b) अबाध
(c) थोड़ा
(d) बहुत
Q2.
(a) विस्तृत
(b) सार्वजनिक
(c) अविवेकपूर्ण
(d) सुचिंचित
Q3.
(a) प्रभावित
(b) आतंकित
(c) नष्टप्रायः
(d) जर्जरित
Q4.
(a) नाना
(b) अलग
(c) विचित्र
(d) अद्भुत
Q5.
(a) प्रभावित
(b) ग्रस्त
(c) बीमार
(d) शिकार
निर्देंश (6-10): दिए गए गद्यांश को पढें और फिर उसके नीचे दिए प्रश्नों का उत्तर सही विकल्प का चयन करके दें।
कला वह सुंदर उपादान है, जिसकी सृष्टि मानव द्वारा सप्रयास होती हैं। इंद्रधनुष सुंदर तो है, किंतु कला नहीं है; जबकि रवीद्रनाथ ठाकुर की कविता कला है। तो हम मानते हैं कि आदमी का प्रयन्त उसमें लगा है और वह प्रयत्न सौंदर्य की ओर उन्मुख है। सौंदर्य यहाँ छोटे अर्थ में नहीं लिया गया है- इंद्रधनुष की रंगीनियों में ही सौंदर्य नहीं है काली भयावनी रात में भी सौंदर्य है और यदि उसके बीच जुगनू चमक जाते है। तो सौंदर्य की इकाई पर अगुणित शून्य पड़ते जाते हैं। जीना कला तब है, जब वह सौंदर्य की ओर अग्रसर हो रहा है। सुंदर ही सत्य है। सुंदर जीवन ही सच्चा जीवन है। सत्य विकृत नहीं होता। किंतु, अन्य कलाओं की तरह जीने की कला भी सीखनी पड़ती है केवल सिद्धांत रूप में नहीं, कार्य रूप में! यह लकीर ऐसे खींचों, यहाँ यह रंग भर दो! यह लकीर में यह तारतम्य रखो-सिर्फ ऐसे सिद्धांत सुनने से कला नहीं आती। कला अभ्यास खोजती है, सतत प्रयोग खोजती है । पहले बताए रास्ते पर चलना पड़ता है, किंतु कला की उत्कृष्टता तब सिद्ध होती है जब अपने लिए रास्ता बनाने की योग्यता प्राप्त हो जाती है।
Q6. मानव द्धारा सप्रयास सृष्ट उपादान को गद्यांश के रचनाकार ने क्या कहा है?
(a) विज्ञान
(b) संस्कृति
(c) कला
(d) इनमें से कोई नहीं
Q7. ‘‘सौदर्य पर अगुणित शून्य पड़ते जाने’’ का क्या अर्थ है?
(a) सौंदर्य का दुगुना होना
(b) सौंदर्य का अनेक गुना होना
(c) सौंदर्य का समाप्त होना
(d) इनमें से कोई नहीं
Q8. गद्यांश के अनुसार जीना कब ‘कला’ है?
(a) जब वह सच्चा हो
(b) जब वह सुंदर हो
(c) जब वह सौंदर्य की ओर आगे बढ़ता हो
(d) इनमं से कोई नहीं
Q9. क्यों कहा गया है कि ‘सुंदर ही सत्य है’?
(a) क्योंकि सच सदैव आकर्षक होता है
(b) क्योंकि सत्य में विकृति नहीं होती
(c) क्योंकि सचय में अपनी शक्ति होती है
(d) उपर्युक्त सभी सत्य हैं
Q10. इनमें कौन-सा शीर्षक इस गद्यांश के लिए उपयुक्त होगा?
(a) जीना एक कला
(b) जीवन और सौंदर्य
(c) सच्च जीवन ही सुंदर जीवन है
(d) जीने की कला कैसे सीखें
उत्तरतालिका
S1. Ans.(b)
S2. Ans.(c)
S3. Ans.(d)
S4. Ans.(a)
S5. Ans.(b)
S6. Ans.(c)
S7. Ans.(b)
S8. Ans.(c)
S9. Ans.(b)
S10. Ans.(b)