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Hindi Questions For CTET/KVS/DSSSB/UPTET Exam : 24th October 2018(Solutions)

Hindi Questions For CTET/KVS/DSSSB/UPTET Exam : 24th October 2018(Solutions)_30.1
हिंदी भाषा CTET परीक्षा का एक महत्वपूर्ण भाग है इस भाग को लेकर परेशान होने की जरुरत नहीं है .बस आपको जरुरत है तो बस एकाग्रता की. ये खंड न सिर्फ CTET Exam (परीक्षा) में एहम भूमिका निभाता है अपितु दूसरी परीक्षाओं जैसे UPTET, KVS,NVS DSSSB आदि में भी रहता है, तो इस खंड में आपकी पकड़, आपकी सफलता में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है.TEACHERS ADDA आपके इस चुनौतीपूर्ण सफ़र में हर कदम पर आपके साथ है।
निर्देश ( प्रश्न 1-10): निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों के सही विकल्प चुनिये—
‘गोदान’ प्रेमचन्द जी की उन अमर कृतियों में से एक है, जिसमें ग्रामीण भारत की आत्मा का करूण चित्र साकार हो उठा है इसी कारण कई मनीषी आलोचक इसे ग्रामीण भारतीय परिवेशगत समस्याओं का महाकाव्य मानते हैं तो कई विद्वान इसे ग्रामीण-जीवन और कृषि-संस्कृति का शोक गीत स्वीकारते हैं। कुछ विद्वान तो ऐसे भी हैं कि जो इस उपन्यास को ग्रामीण भारत की आधुनिक ‘गीता’ तक स्वीकार करते हैं जो कुछ भी हो, ‘गोदान’ वास्तव में मुंशी प्रेमचन्द का एक ऐसा उपन्यास है जिसमें आचार-विचार, संस्कार और प्राकृतिक परिवेश, जो गहन करूणा से युक्त है, प्रतिबिम्बित हो उठा है। डॉ. गोपाल राय का कहना है ‘कि गोदान’ ग्राम-जीवन और ग्राम संस्कृति को उसकी सम्पूर्णता में प्रस्तुत करने वाला अद्वितीय उपन्यास है न केवल हिन्दी के वरन् किसी भी भारतीय भाषा के किसी भी उपन्यास में ग्रामीण समाज का ऐसा व्यापक यथार्थ और सहानुभूतिपूर्ण चित्रण नहीं हुआ है। ग्रामीण जीवन और संस्कृति के अंकन की दृष्टि से इस उपन्यास का वही महत्व है जो आधुनिक युग में युग जीवन की अभिव्यक्ति की दृष्टि से महाकाव्यों का हुआ करता था। इस प्रकार डॉ. राय गोदान को आधुनिक युग का महाकाव्य ही नहीं स्वीकारते वरन् सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य भी स्वीकरते हैं। उनके इस कथन का यही आशय है कि प्रेमचन्द जी ने ग्रामीण-जीवन से सम्बन्ध सभी पक्षों का न केवल अत्यन्त विशदता से चित्रण किया है, वरन् उनकी गहराइयों में जाकर तत्कालीन ग्राम-जीवन से है। ग्रामीण जीवन को वास्तविक आधार प्रदान करने के लिए प्रेमचन्द जी ने चित्र के अनुरूप ही कुछ ऐसे खाँचे अथवा चित्रफलक निर्मित किए हैं जो चित्र को यथार्थ बनाने में सहयोगी सिद्ध हुए हैं। ग्रामीण किसानों के घर-द्वार, खेत-खलिहान प्राकृतिक दृश्यों का ऐसा वास्तविक चित्रण अत्यंत दुर्लभ है ।
Q1. ‘गोदान’ है
(a) काव्यग्रन्थ
(b) उपन्यास
(c) कथाकृति
(d) महाकाव्य
Q2. ‘गोदान’ को किसने महाकाव्य माना है ?
(a) आलोचकों ने
(b) डॉ. गोपाल राय ने
(c) उपरोक्त दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
Q3. ‘गोदान’ के सन्दर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है ?
(a) इसमें ग्रामीण परिवेश का चित्रण है।
(b) इसमे कृषकों की समस्याओं का चित्रण है।
(c) इसमें प्राकृतिक दृश्यों का चित्रण नहीं है।
(d) इसमें ग्राम्य जीवन के सभी पहलुओं का चित्रण है।
Q4. ‘प्रतिबिम्बित’ शब्द है 
(a) विशेषण 
(b) संज्ञा
(c) क्रिया
(d) प्रविशेषण
Q5. ‘गोदान’ को निम्नलिखित में से क्या नहीं कहा गया है ?
(a) उपन्यास
(b) गीता
(c) महाकाव्य
(d) काव्य
Q6. ‘विशदता’ से तात्पर्य है
(a) विस्तृत रूप से 
(b) विशालता सहित
(c) परिपूर्णता
(d) इनमें से कोई नहीं
Q7. ‘सहानुभूति’ का सन्धि-विच्छेद है
(a) सह + अनुभूति
(b) सहान + भूति
(c) सहा + अनूभूति
(d) सहा + नुभूति
Q8. ‘महाकाव्य’ में कौन-सा समास है ? 
(a) अव्ययीभाव
(b) तत्पुरूष
(c) द्वन्द्व
(d) कर्मधारय
Q9. गोदान को ग्रामीण जीवन का महाकाव्य कहने का क्या तात्पर्य है ? 
(a) गोदान में ग्रामीण जीवन के सभी पहलुओं का विस्तृत चित्रण हुआ है
(b) गोदान ग्रामीण जीवन का काव्य-ग्रन्थ है
(c) गोदान ग्रामीण जीवन के सभी काव्य-ग्रन्थों में श्रेष्ठ है
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
Q10. यथार्थ में कौनसी संधि है ?
(a) वृद्धि संधि
(b) अयादि संधि
(c) गुण संधि
(d) दीर्घ संधि 
उत्तरतालिका
S1. Ans.(b)
S2. Ans.(c)
S3. Ans.(c)
S4. Ans.(a)
S5. Ans.(d)
S6. Ans.(a)
S7. Ans.(a)
S8. Ans.(d)
S9. Ans.(a)
S10. Ans.(d)
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