Latest Teaching jobs   »   Hindi Questions For CTET & DSSSB...

Hindi Questions For CTET & DSSSB 2017 Exam

Hindi Questions For CTET & DSSSB 2017 Exam_30.1


Directions (1-2): नीचे दिए गए प्रत्येक प्रश्न में शब्दों का एक समूह या कोई वाक्यांश मोटे अक्षरों में लिखा गया है। वाक्य के नीचे (a), (b), (c) या (d) विकल्प दिए गए हैं। इनमें से उस विकल्प का चयन कीजिए जो कि वाक्य में मोटे अक्षरों वाले भाग की जगह ले ले।

Q1. बहुत से लोगों की गिर के उठ जाने के बाद ही आंखें खुलती हैं।
(a) तोड़ फोड़ के बाद
(b) कुछ ना सिखना
(c) अपनी ढफली बजाने के बाद
(d) ठोकर खाने के बाद

Q2. अच्छे आदमियों को अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना शोभा नहीं देता।
(a) अपने दांत निपोरना
(b) स्वयं अपनी तारीफ़ करना
(c) अपनी खाल खींचना
(d) अपने सुर में सुर मिलाना
Q3. हिन्दी साहित्य के इतिहास के सम्बन्ध में ‘मॉडर्न वरनाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिन्दोस्तान किसने लिखा है?
(a) गार्सा द तासी
(b) जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन
(c) सुनितिकुमार चटर्जी
(d) धीरेन्द्र वर्मा

Q4. ‘अक्षौहिणी’ का सन्धि-विच्छेद क्या है:
(a) अक्षः +हिणी
(b) अक्ष +ऊहिनी
(c) अक्षो +अहिणी
(d) अक्ष +ओहिणी

Q5. निम्न में से अशुद्ध वाक्य पहचानिए
(a) वह अपना चश्मा भूल गया
(b) पिताजी ने मुझसे कहा
(c) तुम तो अपना काम करो
(d) ये सच्चे इन्सान हैं

Directions(6-10):निम्नलि़खत गद्यांश पढ़कर इस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
मैं साहित्य को मनुष्य की दृष्टि से देखने का पक्षपाती हूँ । जो वाग्जाल मनुष्य की दुर्गति, हीनता और परमुखापेक्षिता से बच न सके, जो उसकी आत्मा को तेजोद्दीप्तन बना सके, जो उसके हृदय को दुःख कातर और संवेदनशील न बना सके, उसे साहित्य कहने में मुझे संकोच होता है। मैं अनुभव करता हूँ कि हम लोग एक कठिन समय से गुजर रहे हैं। दुनिया छोटे-छोटे संकीर्ण स्वार्थों के आधार पर अनेक दलों में विभक्त हो गई है। अपने दल के बाहर का आदमी सन्देह की दृष्टि से देखा जाता है। उसके प्रत्येक त्याग और बलिदान के कार्य में भी ‘चाल’ का सन्धान पाया जाता है और अपने-अपने दलों में ऐसा करने वाला सफल नेता भी मान लिया जाता है। बडे़.-बडे़ राष्ट्रनायक जब अपनी विराट अनुचरवाहिनी के साथ इस प्रकार का गन्दा प्रचार करते हैं, तो ऊपर-ऊपर से चाहे जितनी भी सफलता उनके पक्ष में आती हुई क्यों न दिखाई दे, इतिहास विधाता का निष्ठुर नियम प्रवाह भीतर ही भीतर उनके स्वार्थों का उन्मूलन करता रहता है। जो लोग द्रष्टा हैं, वे इस गलती को समझते हैं, पर उनकी बात मदमत्त व्यक्तियों की ऊँची गद्दियों तक नहीं पहुँच पाती। संसार में अच्छी बात कहने वालों की कमी नहीं है, परन्तु मनुष्य के सामाजिक संगठन में ही कहीं कुछ ऐसा बड़ा दोष रह गया है, जो मनुष्य को अच्छी बात सुनने और समझने से रोक रहा है। इसलिए आज की सबसे बड़ी समस्या यह नहीं है कि अच्छी बात कैसे कही जाए; बल्कि यह है कि अच्छी बात को सुनने और मानने के लिए मनुष्य को कैसे तैयार किया जाए?

Q6. साहित्य का मूल प्रयोजन है
(a) वाग्जाल फैलाना
(b) मनोरंजन करना
(c) मनुष्य को उदात्त बनाना
(d) मनुष्य के हृदय को कठोर बनाना

Q7. लेखक ने वर्तमान को कठिन समय क्यों कहा है?
(a) संसार में अच्छी बात कहने वाले नहीं हैं
(b) संसार में अच्छी बात सुनने वाले नहीं हैं
(c) आज विरोधियों को सन्देह की दृष्टि से देखा जाता है
(d) संकीर्ण स्वार्थों ने मनुष्य को अन्धा कर दिया है

Q8. ‘वाग्जाल’ का तात्पर्य है
(a) छोटी बातें
(b) अलंकृत भाषा युक्त रचना
(c) विचारों का जाल
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं

Q9. लेखक के अनुसार ‘द्रष्टा’ किस चीज़ को गलती समझते हैं?
(a) स्वार्थपूर्ण नीतियों के प्रसार को
(b) साहित्य की उपयोगिता को
(c) मनुष्य के सामाजिक संगठन को
(d) इनमे से कोई नहीं

Q10. आज बड़ी समस्या क्या है?
(a) अच्छी बात कैसे कही जाए?
(b) अच्छी बात को सुनने और मानने के लिए मनुष्य को कैसे तैयार किया जाए?
(c) दुनिया का स्वार्थमय हो जाना
(d) दुनिया का अनेक दलों में बँट जाना
Solutions:
S1. Ans (d)
S2. Ans (b)
S3. Ans.(b)
S4. Ans.(b)
S5. Ans.(b)
S6. Ans.(c)
S7. Ans.(d)
S8. Ans.(b)
S9. Ans.(a)
S10. Ans.(b)