भाषा का प्रयोग दो रूपों में किया जा सकता है-एक तो सामान्य जिससे लोक में व्यवहार होता है तथा दूसरा रचना के लिए जिसमें प्रायः अलंकारिक भाषा का प्रयोग किया जाता है। राष्ट्रीय भावना के अभ्युदय एवं विकास के लिए सामान्य भाषा एक प्रमुख तत्व है। मानव समुदाय अपनी संवेदनाओं, भावनाओं एवं विचारों की अभिव्यक्ति हेतु भाषा का साधन अपरिहार्यतः अपनाता है। इसके अतिरिक्त उसके पास कोई अन्य विकल्प नहीं है। दिव्य-ईश्वरीय आनंदानुभुति के संबंध में भले ही कबीर ने ‘गूंगे केरी शर्करा’ उक्ति का प्रयोग किया था, पर इससे उनका लक्ष्य शब्द-रूपा भाषा के महत्व को नकारना नहीं था। प्रत्युत उन्होंने भाषा को ‘बहता नीर’ कह कर भाषा की गरिमा प्रतिपादित की थी। विद्वानों की मान्यता है कि भाषा तत्व राष्ट्रहित के लिए अत्यावश्यक है। जिस प्रकार किसी एक राष्ट्र के भू-भाग को भौगोलिक विविधताएँ तथा उसके पर्वत, सागर, सरिताओं आदि की बाधाएँ उस राष्ट्र के निवासियों के परस्पर मिलने-जुलने में अवरोध सिद्ध हो सकती है। उसी प्रकार भाषागत विभिन्नता से भी उनके पारस्परिक सम्बन्धों में निर्बाधता नहीं रह पाती। आधुनिक विज्ञानयुग में यातायात एवं संचार के साधनों की प्रगति से भौगोलिक-बाधाएँ अब पहले की तरह बाधित नहीं करती। इसी प्रकार यदि राष्ट्र की एक सम्पर्क भाषा का विकास हो जाए तो पारस्परिक सम्बन्धों के गतिरोध बहुत सीमा तक समाप्त हो सकते हैं।
मानव-समुदाय को एक जीवित-जाग्रत एवं जीवन्त शरीर की संज्ञा दी जा सकती है। उसका अपना एक निश्चित व्यक्तित्व होता है। भाषा अभिव्यक्ति के माध्यम से इस व्यक्तित्व को साकार करती है, उसके अमूर्त मानसिक वैचारिक स्वरूप को मूर्त एवं बिम्बात्मक रूप प्रदान करती है। मनुष्यों के विविध समुदाय हैं, उनकी विविध भावनाएँ हैं, विचारधाराएँ हैं, संकल्प एवं आदर्श हैं, उन्हें भाषा ही अभिव्यक्त करने में सक्षम होती है। साहित्य, शस्त्र, गीत-संगीत आदि में मानव-समुदाय अपने आदर्शो, संकल्पनाओं, अवधारणाओं एवं विशिष्टताओं को वाणी देता है, पर क्या भाषा के अभाव में काव्य, साहित्य, संगीत आदि का अस्तित्व सम्भव है? वस्तुतः ज्ञानराशि एवं भावराशि का अपार संचित कोष जिसे साहित्य का अभिधान दिया जाता है, शब्द रूप ही तो है। अतः इस सम्बन्ध में वैमत्य की किंचित् गुंजाइश नहीं है कि भाषा ही एक ऐसा साधन है जिससे मनुष्य एक-दूसरे के निकट आ सकते हैं, उनमें परस्पर घनिष्ठता स्थापित हो सकती है। यही कारण है कि एक भाषा बोलने एवं समझने वाले लोग परस्पर एकानुभूति रखते हैं, उनके विचारों में ऐक्य रहता है। अतः राष्ट्रीय भावना के विकास के लिए भाषा तत्व परम आवश्यक है।
Q1. उपर्युक्त अनुच्छेद का सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक है-
(a) राष्ट्रीयता और भाषा-तत्व
(b) बहता नीर भाषा का
(c) व्यक्तित्व-विकास और भाषा
(d) साहित्य और भाषा तत्व
Q2. मानव के पास अपने भावों, विचारों, आदर्शो आदि को सुरक्षित रखने के सशक्त माध्यम है-
(a) संगीत और शैली
(b) साहित्य और कला
(c) साहित्य शास्त्र एवं संगीत
(d) व्यक्तित्व एवं चरित्र
Q3. ‘भाषा बहता नीर’ से आशय है-
(a) लालित्यपूर्ण भाषा
(b) साधुक्कड़ी भाषा
(c) सरल-प्रवाहमयी भाषा
(d) तत्समनिष्ठ भाषा
Q4. राष्ट्रीय भावना के विकास के लिए भाषा-तत्व आवश्यक है, क्योंकि-
(a) वह ज्ञान राशि का अपार भंडार है
(b) वह शब्दरूपा है और उसमें साहित्य सर्जना संभव है
(c) वह मानव-समुदाय की विचाराभिव्यक्ति का केवल एक साधन है
(d) वह मानव-समुदाय में एकानुभूति और विचार-ऐक्य का साध्न है
Q5. ‘गूंगे केरी शर्करा’ से कबीर का अभिप्रेत है कि ब्रह्मानंद की अनुभूति-
(a) अनिर्वचनीय होती है
(b) अत्यन्त मधुर होती है
(c) मौनव्रत से प्राप्त होती है
(d) अभिव्यक्ति के लिए कसमसाती है
Directions (6-10): नीचे दिए गए प्रत्येक प्रश्न में एक रिक्त स्थान छूटा हुआ है और उसके नीचे चार शब्द सुझाए गए है। इनमें से कोई एक उस रिक्त स्थान पर रख देने से वह वाक्य एक अर्थपूर्ण वाक्य बन जाता हैं। सही शब्द ज्ञातकर उसके क्रमांक को उत्तर के रूप में अंकित कीजिए, दिए गए शब्दों में से सर्वाधिक उपयुक्त शब्द का चयन करना है।
Q6. एक वर्ग ऐसा है जो इतिहास बनाता है और दूसरा वर्ग इतिहास को ________ है।
(a) सुनाता
(b) देखता
(c) भोगता
(d) रचता
Q7. बचपन किसी का रहता नहीं है, वह चला जाता है, इसलिए उसके प्रति हमारा _____ इतना अधिक है।
(a) भावना
(b) करूणा
(c) जलन
(d) आकर्षण
Q8. आत्मा के लिए हम कितना ही _________ क्यों न करें, आगे के दुरूह पथ में जाकर वह कहाँ जा छिपता है, इसका पता तक हमें नहीं मिलता।
(a) प्रलाप
(b) विलाप
(c) आलाप
(d) संताप्त
Q9. हमारे मित्रों में अनेक ________ अब भी ऐसे हैं जिनके लिए कहा जाता है कि उनका बचपन अर्थात् उनकी मूर्खता अब तक गई नहीं।
(a) युवा
(b) युवक
(c) युवती
(d) तरूण
Q10. पराधीनता _______ का जन्म देती है।
(a) कर्मण्यता
(b) अकर्मण्यता
(c) वीरता
(d) साहसी
Solutions
S1. Ans. (a)
S2. Ans. (b)
S3. Ans. (c)
S4. Ans. (d)
S5. Ans. (a)
S6. Ans. (c)
S7. Ans. (d)
S8. Ans. (b)
S9. Ans. (d)
S10. Ans. (b)