
हिंदी भाषा CTET परीक्षा का एक महत्वपूर्ण भाग है इस भाग को लेकर परेशान होने की जरुरत नहीं है .बस आपको जरुरत है तो बस एकाग्रता की. ये खंड न सिर्फ HTET Exam (परीक्षा) में एहम भूमिका निभाता है अपितु दूसरी परीक्षाओं जैसे UPTET, KVS,NVS DSSSB आदि में भी रहता है, तो इस खंड में आपकी पकड़, आपकी सफलता में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है.TEACHERS ADDA आपके इस चुनौतीपूर्ण सफ़र में हर कदम पर आपके साथ है।
Q1. निम्नलिखित में से कौन-सा हृस्व ध्वनि है?
(a) आ
(b) ए
(c) ऐ
Q2. वह वर्ण जिसका उच्चारण तालु से होता है, वह है-
(a) मूर्धन्य वर्ग का
(b) तालव्य वर्ग का
(c) ओष्ठ्य वर्ग का
(d) कंठ्य वर्ग का
Q3. हिन्दी व्याकरण में सर्वाधिक रूप से प्रयोग होने वाला विराम चिह्न कौन-सा है ?
(a) अर्द्ध-विराम
(b) अल्प-विराम
(c) त्रुटि-विराम
(d) लोप-निर्देश
Q4. निम्नलिखित में उप-विराम चिह्न कौनसा है?
(a) ः
(b) ,
(c) ;
(d) –
Q5. तत् + शंकर की संधि होगी-
(a) तत्शंकर
(b) तच्द्दंकर
(c) तक्षंकर
(d) उपर्युक्त में कोई नहीं
Q6. ‘निरूत्तर’ शब्द का शुद्ध संधि-विच्छेद हैे-
(a) नि + उत्तर
(b) निरू + उतर
(c) निर + उत्तर
(d) निः + उत्तर
Q7. उन्नति में कौन-सी संधि होगी?
(a) स्वर संधि
(b) व्यंजन संधि
(c) विसर्ग संधि
(d) स्वर और विसर्ग संधि
Q8. ‘तोता-चश्म’ का इसमें से कौन-सा अर्थ सही है ?
(a) मिठ बोला
(b) अविश्वसनीय
(c) कृतघ्न
(d) हितैषी
Q9. ‘पाथेय’ का अर्थ है-
(a) रास्ते के लिए भोजन
(b) घर के लिए भोजन
(c) गरीबों के लिए भोजन
(d) गरिष्ठ भोजन
Q10. ‘निशीथ’ का अर्थ है-
(a) दिन का समय
(b) अर्द्धरात्रि का समय
(c) दोपहर का समय
(d) प्रातः काल
Solutions
S1. Ans.(d)
Sol. व्याख्या- अ, इ, उ, ऋ हृस्व ध्वनियाँ हैं। इनके उच्चारण में कम समय लगता है। जिन स्वरों के उच्चारण में हृस्व से दोगुना समय लगता है, उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं।
S2. Ans.(b)
Sol. व्याख्या- वह वर्ण जिसका उच्चारण ‘तालु’ से होता है, ‘तालव्य’ वर्ग के अंतर्गत आता है। जैसे-च, छ, ज, झ, ´, श।
S3. Ans.(b)
Sol. व्याख्या- हिन्दी व्याकरण में सर्वाधिक रूप से अल्प विराम (,) का प्रयोग होता है।
S4. Ans.(a)
Sol. व्याख्या- उप-विराम का चिहृ: है। इसका प्रयोग बहुधा शीर्षकों के अंतर्गत होता है। यथा-तुलसीदास: एक महान कवि।
S5. Ans.(b)
Sol. व्याख्या- यदि त्, द् के बाद श हो तो त् या द् का च् और श का छ हो जाता है। यह व्यंजन संधि है। तत् $ शंकर की संधि तत्द्दंकर होगी।
S6. Ans.(d)
Sol. व्याख्या- ‘निरूत्तर’ का संधि-विच्देद निः + उत्तर है। यहाँ पर विसर्ग र् हो जाता है। यह विसर्ग संधि है।
S7. Ans.(b)
Sol. व्याख्या- यहाँ व्यंजन संधि होगी। यदि किसी वर्ग के प्रथम वर्ण के परे कोई अनुनासिक वर्ण हो, तो प्रथम वर्ण के बदले उसी वर्ग का अनुनाकिस वर्ण हो जाता है।
S8. Ans.(c)
Sol. व्याख्या- ‘तोता-चश्म का अर्थ होता है- जिसकी आँखों में तोते की तरह संकोच का पूर्ण अभाव हो अर्थात् कृतघ्न हो।
S9. Ans.(a)
Sol. व्याख्या- रास्ते के लिए भोजन को पाथेय कहते है।
S10. Ans.(b)
Sol. व्याख्या- निशीथ, अर्द्धरात्रि का समय होता है।
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