
Directions (1-5): निम्नलिखित चार में से तीन समानार्थी शब्द हैं। जिस क्रमांक में इनसे भिन्न शब्द दिया गया है, वही आपका उत्तर है।
Q1.
(a) चंचरीक
(b) दिष्ट
(c) विधि
(d) दैव
Q2.
(a) निर्वाण
(b) कैवल्य
(c) अपवर्ग
(d) सन्यासी
Q3.
(a) चित्त
(b) स्वान्त
(c) धीवर
(d) मानस
Q4.
(a) सर्व
(b) आशु
(c) निखिल
(d) सकल
Q5.
(a) कुहर
(b) शुषिर
(c) विवर
(d) काकोल
Directions (6-10): नीचे दिये गए परिच्छेद में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए गए हैं तथा उन्हें प्रश्न संख्या में दर्शाया गया है। ये संख्याएं परिच्छद के नीचे मुद्रित हैं, प्रत्येक के सामने (a), (b), (c) और (d) विकल्प दिए गए हैं। इन चारों में से कोई एक इस रिक्त स्थान को पूरे परिच्छेद के संदर्भ में उपयुक्त ढंग से पूरा कर देता है। आपको वह विकल्प ज्ञात करना है, और उसका क्रमांक ही उत्तर के रूप में दर्शाना है। दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन करना है।
ज्ञान राशि के संचित कोश को साहित्य कहते हैं। वस्तुतः सम्पूर्ण ज्ञान राशि का एक ही साहित्य है पर जैसे जल राशि मात्र को एक ही महासागर न कह कर व्यवहार के लिए कई-कई सागरों, उपसागरों में विभक्त कर लिया गया है, उसी प्रकार एक ही साहित्य, काव्य, नाटक, मनोविज्ञान, दर्शन आदि अनेक नामों में (6) हो गया है। जैसे ईश्वर प्राप्ति के लिए ज्ञान और भक्ति दो पृथक-पृथक मार्ग निर्दिष्ट हैं। वैसे ही साहित्य और दर्शन भी हैं। भक्ति के समान साहित्य का रस प्राप्त करने वाला भी (7) ही होता है। कुछ विचारक दर्शन को श्रेय और साहित्य को प्रेम कहते हैं। यह उनकी भूल है। साहित्य की दीवार जीवन की नींव पर खड़ी होती है। जीवन परमात्मा की सृष्टि है, इसलिए अनंत है, अपरिमित है (8) है। साहित्य मनुष्य की सृष्टि है, इसलिए सुगम है, सुबोध है और मर्यादाओं से परिमित है। मनुष्य जीवन-पर्यन्त आनंद की खोज में लगा रहता है। किसी को वन रत्न (9) में मिलता है, किसी को भरे-पूरे परिवार में, लेकिन साहित्य का आनंद इस आनंद से ऊँचा है। सत्य जहाँ आनन्द का स्त्रोत बन जाता है, वहीं वह साहित्य हो जाता है। साहित्य का विधान (10) द्वारा ही होता है। एक ही दृश्य भिन्न-भिन्न लोगों को भिन्न-भिन्न रूपों में प्रभावित करता है। बर्फ से ढके पहाड़ पर सूर्य की बिखरती किरणें दार्शनिक के लिए विचार की वस्तु है, वैज्ञानिक के लिए अनुसंधान की ओर साहित्यकार के लिए विहृलता की। विहृलता की यह स्थिति आत्म-विगलन की स्थिति है, जहाँ ऊँच-नीच, भले-बुरे आादि का भेद परिसमाप्त हो जाता है।
Q6.
(a) प्रत्यावर्तित
(b) व्याख्यायित
(c) समाधृत
(d) रूपान्तरित
Q7.
(a) विरला
(b) अद्वितीय
(c) एकाकी
(d) एकांगी
Q8.
(a) दुर्बोध
(b) विस्मित
(c) अगम्य
(d) दुसाध्य
Q9.
(a) राशि
(b) पाश
(c) विपाश्य
(d) रूचि
Q10.
(a) विभाव
(b) अनुभाव
(c) मनोभाव
(d) संचारी भाव
Solutions
S1. Ans. (a)
Sol. ‘चंचरीक’ भौंरा का पर्यायवाची है, जबकि अन्य शब्द ‘भाग्य’ के पर्यायवाची हैं
S2. Ans. (d)
Sol. ‘सन्यासी’ मुनि का पर्यायवाची है, जबकि अन्य शब्द ‘मोक्ष’ के पर्यायवाची हैं
S3. Ans. (c)
Sol. ‘धीवर’ मल्लाह का पर्यायवाची है, जबकि अन्य शब्द ‘मन’ के पर्यायवाची हैं
S4. Ans. (b)
Sol. ‘आशु’ शीघ्र का पर्यायवाची है, जबकि अन्य शब्द ‘सभी’ के पर्यायवाची हैं
S5. Ans. (d)
Sol. ‘काकोल’ विष का पर्यायवाची है, जबकि अन्य शब्द ‘छिद्र’ के पर्यायवाची हैं
S6. Ans. (d)
S7. Ans. (a)
S8. Ans. (c)
S9. Ans. (c)
S10. Ans. (c)