Directions (1-10): नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिएः
मैथिलीशरण गुप्त गांधी युग के प्रतिनिधि कवि हैं – अपने जीवन के प्रौढ़काल में ही वे इस गौरव के अधिकारी हो गए थे। गांधी युग का प्रतिनिधित्व एक सीमा तक सम्पूर्ण आधुनिक काल का प्रतिनिधित्व भी माना जा सकता है। गांधी युग की प्रायः समस्त मूल प्रवृत्तियां-राष्ट्रीय, सामाजिक और सांस्कृतिक आंदोलन-गुप्तजी के काव्य में प्रतिफलित हैं। यह प्रतिफलन प्रत्यक्ष भी है और परोक्ष भी। कुछ रचनाओं में युग-जीवन का स्वर मुखर है और उनमें वातावरण की हलचल का प्रत्यक्ष चित्रण किया गया हैं। इनमें कवि, राष्ट्रकवि के दायित्व का भी पालन करता है। कुछ अन्य रचनाओं में युग-चेतना अत्यंत प्रखर है परंतु वह प्रच्छन्न है। गुप्तजी के संस्कार मूलतः सामंतीय थे और उनके घर का वातावरण वैष्णव था, तथापि वे समय के साथ चलने का निरन्तर प्रयत्न करते थे तथा देश के विभिन्न आंदोलनों को समझने का भी प्रयत्न करते थे। उनकी प्रतिक्रिया प्रायः प्रखर और प्रबल होती थी। गांधी युग की समस्याओं का चित्रण प्रेमचंद ने भी किया और अपने ढंग से प्रसाद ने भी। प्रेमचंद की दृष्टि बहिर्मुखी थी, उनकी चेतना सामाजिक-राजनीतिक थी। प्रसाद की दृष्टि अंतर्मुखी थी और उनकी चेतना एकांत रूप में सांस्कृतिक थी-गांधी युग की प्रायः सभी प्रमुख समस्याओं को उन्होंने ग्रहण किया, परंतु उनके बहिरंग में उनकी रूचि नहीं थी। अपने नाटकों में प्रसाद ने उन्हें पूर्णतः सांस्कृतिक रूप में प्रस्तुत किया है और कामायनी में आध्यात्मिक धरातल पर। अपने उपन्यासों में प्रसाद उन्हें राजनीतिक-सामाजिक धरातल पर ग्रहण करते हैं परंतु शीघ्र ही उनके बहिरंग रूपों को भेदकर उनमें निहित सांस्कृतिक तत्वों का चित्रण भी करने लगते हैं। गुप्तजी की स्थिति मध्यवर्ती है, उनका दृष्टिकोण राष्ट्रीय-सांस्कृतिक है। उनमें न तो प्रेमचंद के समान व्यावहारिकता का आग्रह है और न प्रसाद की तरह दार्शनिकता का। उनमें सगुण तत्व अधिक है। प्रेमचंद में धर्म-भावना का अभाव है तो प्रसाद में लोकभावना का। गुप्तजी में लोक चेतना का प्रतिनिधित्व अपेक्षाकृत अधिक मिलता हैं।
Q1. गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक है-
(a) गांधी-युग की काव्य चेतना
(b) मैथिलीशरण गुप्त का काव्य
(c) प्रेमचंद का साहित्य
(d) आधुनिक हिन्दी काव्य की मूल प्रवृत्त्यिां
(e) इनमें से कोई नहीं
Q2. सही वक्तव्य कौन-सा है?
(a) प्रसाद गांधी-युग के प्रतिनिधि कवि हैं।
(b) मैथिलीशरण गुप्त एक सीमा तक संपूर्ण आधुनिक काल का प्रतिनिधित्व करते हैं।
(c) प्रेमचंद के साहित्य में गांधी युग की समस्त मूल प्रवृत्तियों का प्रतिफलन है।
(d) गुप्तजी की रचनाओं में वातावरण की हलचल का परोक्ष चित्रण है।
(e) इनमें से कोई नहीं
Q3. गद्यांश में इस शब्द का प्रयोग नहीं है-
(a) प्रच्छन्न
(b) जन-काव्य
(c) बहिरंग
(d) लोक-चेतना
(e) इनमें से कोई नहीं
Q4. सही वक्तव्य कौन-सा है?
(a) प्रसाद के घर का वातावरण वैष्णव था।
(b) गुप्तजी के संस्कार सामंतीय थे।
(c) प्रेमचंद में युग-चेतना अत्यंत प्रखर है।
(d) गांधी युग की एक मूल प्रवृत्ति धार्मिक आंदोलन की थी।
(e) इनमें से कोई नहीं
Q5. सही वक्तव्य कौन-सा है?
(a) प्रेमचंद की दृष्टि सांस्कृतिक थी।
(b) प्रसाद देश के विभिन्न आंदोलनों को समझने का प्रयत्न करते थे।
(c) प्रेमचंद अपने समय के साथ चलने का प्रयत्न करते थे।
(d) गुप्तजी के काव्य में गांधीयुग की प्रवृतियों का परोक्ष प्रतिफलन भी है।
(e) इनमें से कोई नहीं
Directions: निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द/वाक्यांश, दिये गए शब्द/वाक्यांश का समानार्थी है?
Q6. परोक्ष
(a) सम्मुख
(b) रुक्ष
(c) परुष
(d) अप्रत्यक्ष
(e) मनसा
Q7. प्रत्यक्ष
(a) विमुख
(b) साक्षात्
(c) अनुभव
(d) अनुसार
(e) व्यवहार
Q8. राष्ट्रकवि के दायित्व का पालन किया है।
(a) जयशंकर प्रसाद ने
(b) प्रेमचंद ने
(c) मैथिलीशरण गुप्त ने
(d) उपर्युक्त सभी ने
(e) इनमें से कोई नहीं
Q9. गांधी युग की समस्याओं का चित्रण किया हैं।
(a) प्रेमचंद ने
(b) मैथिलीशरण गुप्त ने
(c) जयशंकर प्रसाद ने
(d) उपर्युक्त तीनों ने
(e) इनमें से कोई नहीं
Q10. बहिरंग
(a) बहुत से रंग
(b) बाह्य रूप
(c) मुखरता
(d) लावण्य
(e) इनमें से कोई नहीं
Solutions:
S1 Ans. (b)
S2 Ans. (b)
S3 Ans. (b)
S4 Ans. (b)
S5 Ans. (d)
S6 Ans. (d)
S7 Ans. (b)
S8 Ans. (c)
S9 Ans. (d)
S10 Ans. (b)