
हिंदी भाषा TET परीक्षा का एक महत्वपूर्ण भाग है इस भाग को लेकर परेशान होने की जरुरत नहीं है .बस आपको जरुरत है तो बस एकाग्रता की. ये खंड न सिर्फ CTET Exam (परीक्षा) में एहम भूमिका निभाता है अपितु दूसरी परीक्षाओं जैसे UPTET, KVS ,NVS, DSSSB आदि में भी रहता है, तो इस खंड में आपकी पकड़, आपकी सफलता में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है.TEACHERSADDA आपके इस चुनौतीपूर्ण सफ़र में हर कदम पर आपके साथ है।
निर्देश (1 से 5): निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दें।
समय बहुत मूल्यवान है समय किसी के लिए रुकता नहीं है। संसार में वह व्यक्ति सफलता प्राप्त करता है जो समय का सही उपयोग करता हे। विद्यार्थियेां को गृह कार्य दिया जाता है। कुछ विद्यार्थी नित्य का कार्य पुूरा कर लेते हैं। कुछ अपना समय बेकार की बातें बनाने में बिताते हैं। गृहकार्य पर ध्यान नहीं देते। इसका परिणाम होता है कि वे शिक्षा में पिछड़ जाते हैं। परीक्षा में उत्तीर्ण होते हैं। अतः समय के सदुपयोग का महत्व समझो और समय का सही उपयोग करो। सफलता तुम्हारे कदम चूमेगी।
Q1. कौन किसी के लिए नहीं रुकता ?
(a) राष्ट्रपति
(b) समय
(c) प्रधानमंत्री
(d) ज्ञान
Q2. समय को बेकार बिताने का क्या नतीजा होता है?
(a) अपने कार्य में असफलता
(b) आराम मिलता हैं
(c) सुलता निश्चित है
(d) उपर्युक्त कोई नहीं
Q3. समय पर काम पूरा करने वाले विद्यार्थी क्या पाते हैं?
(a) असफलता
(b) सफलता
(c) ज्ञान
(d) अनुशासन
Q4. समय को मूल्यवान क्यों माना जाता है?
(a) समय की जीवन में उपयोगिता के कारण
(b) सफलता का आधार होने के कारण
(c) उपर्युक्त दोनों
(d) उपर्युक्त कोई नहीं
Q5. गद्यांश का सर्वाधिक उपर्युक्त शीर्षक चुनिए
(a) समय का सदुपयोग
(b) समय व महत्व
(c) समयः सफलता का आधार
(d) समय और सफलता
निर्देश (6 से 10): नीचे लिखे निबंध को पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
कन्नड साहित्य के इतिहास में कवि मुद्दण का नाम गर्व के साथ लिया जा सकता है। उसका (आपका) असली नाम लक्ष्मीनारायण था। वे मंगलूर जिसे के नंदलिके में पैदा हुए थे। बचपन में आप अपनी माता के साथ पुराण और कीर्तन सुनने जाते थे। यक्षगान देखने में आपको बड़ा आनंद मिलता था।
आप यक्षगान में अभिन्य करते थे यक्षगान लिखने भी लगें उडुपि के ऐ उच्च विद्यालय में आप व्यायाम शिक्षक का काम करने लगे। स्वाध्याय से आपने संस्कृत साहितय में पंडित पाया। श्रीरामाश्वरमेध, अद्भुत रामायाण, कुमार विजय आदि आपकी रचनायें हैं। कवि मुद्दण की पत्नी का नाम ‘मनोरमा’ था। घर की गरीबी के कारण ये श्रेष्ठ कवि अपनी 31 वर्ष की अवस्था में क्षयरोग से स्वर्ग सिधारे।
Q6. कवि मुद्दण का असली नाम —- था।
(a) नारायण
(b) लक्ष्मण
(c) लक्ष्मीनारायण
(d) लक्ष्मन
Q7. कवि मुद्दण —- गाँव में पैदा हुए थे।
(a) नंदलिके
(b) नलंद
(c) नंदलिखे
(d) उडुपि
Q8. कवि मुद्दण एक उच्च विद्यालय में ———- का शिक्षक का काम करने लगे।
(a) कन्नड भाषा
(b) व्यायाम
(c) संस्कृत भाषा
(d) अंग्रेजी भाषा
Q9. कवि मुद्दण की पत्नी का नाम —– था
(a) मनोरमा
(b) अनसूया
(c) रमा
(d) मीना
Q10. कवि मुद्दण की रचना —- है।
(a) कुमारव्यास भारत
(b) महाभारत
(c) श्री रामाश्वमेध
(d) वाल्मीकि रामायण
Solutions
S1. Ans.(b)
S2. Ans.(a)
S3. Ans.(b)
S4. Ans.(c)
S5. Ans.(a)
S6. Ans.(c)
Sol. कवि मुद्दण का असली नाम लक्ष्मीनायाण था।
S7. Ans.(a)
Sol. कवि मुद्दण मंगलूर जिले के नंदलिके गाँव में पैदा हुए थे।
S8. Ans.(b)
Sol. कवि मुद्दण उडुपि के एक उच्च विद्यालय में व्यायाम शिक्षक का काम करने लगे।
S9. Ans.(a)
Sol. कवि मुद्दण की पत्नी का नाम मनोरमा था।
S10. Ans.(c)
Sol. कवि मुद्दण की रचनायें हैं- श्री रामाश्वमेघ, अद्भुत रामायण, कुमारविजय आदि।
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