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Hindi Questions For DSSSB Exam : 14 July 2018 (Answers)

Hindi Questions For DSSSB Exam : 14 July 2018 (Answers)_30.1
हिंदी भाषा CTET परीक्षा का एक महत्वपूर्ण भाग है इस भाग को लेकर परेशान होने की जरुरत नहीं है .बस आपको जरुरत है तो बस एकाग्रता की. ये खंड न सिर्फ CTET Exam (परीक्षा) में एहम भूमिका निभाता है अपितु दूसरी परीक्षाओं जैसे UPTET, KVS,NVS DSSSB आदि में भी रहता है, तो इस खंड में आपकी पकड़, आपकी सफलता में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है.CTET ADDA आपके इस चुनौतीपूर्ण सफ़र में हर कदम पर आपके साथ है।
Q1. ‘भाषा-शिक्षण’ के संदर्भ में कौन-सा कथन सही नहीं है?
(a) बच्चे विद्यालय मे भाषा तथा उसके नियम सिखते हैं। 
(b) बच्चे अपने द्वारा बनाए गए भाषा-नियमों में विस्तार एवं परिवर्तन करते हैं। 
(c) समृद्ध भाषा-परिवेश भाषा अर्जित करने में सहायक होता है।
(d) बच्चों की मातृभाषा का कक्षा में प्रयोग नहीं होना चाहिए। 
Q2. ‘भाषा-अर्जन और ‘भाषा-अधिगम’ के संदर्भ में कौन-सा कथन सही नहीं है?
(a) भाषा-अर्जन सहज और स्वाभाविक होता है, जबकि भाषा-अधिगम प्रयासपूर्ण होता है। 
(b) रोजगार प्राप्त करने के लिए ही भाषा सीखी जाती है।
(c) भाषा-अर्जन’ के लिए समृद्ध भाषायी परिवेश की आवश्यकता होती है। 
(d) भाषा-अधिगम’ में संप्रेषण-कुशलता पर भी बल रहता है। 
Q3. अन्य विषयों की कक्षाएँ भी भाषा-अधिगम में सहायता करती हैं, क्योंकि
(a) अन्य विषयों के शिक्षक विषय के साथ-साथ भाषा भी सिखाते हैं । 
(b) सभी शिक्षक एक से अधक भाषा जानते हैं। 
(c) अन्य विषयों की पाठ्य-पुस्तकें भाषा-शिक्षण के उद्देश्यों को ध्यान में रखती हैं। 
(d) अन्य विषयों को पढ़ने पर वैविध्यपूर्ण भाषा-प्रयोग के अनेक अवसर उपलब्ध होते हैं। 
Q4. बच्चों में भाषा सीखने की क्षमता जन्मजात होती है। अतः
(a) भाषा-शिक्षण का कार्य नहीं किया जाना चाहिए 
(b) भाषा-शिक्षण का कार्य घर पर ही किया जाना चाहिए 
(c) उनकी इस क्षमता का भरपूर प्रयोग करते हुए भाषायी नियम नहीं सिखाए जाने चाहिएँ 
(d) बच्चों को समृद्ध भाषिक परिवेश उपलब्ध कराया जाना चाहिए 
Q5. मुहावरे और लोकक्तियों का प्रयोग करना 
(a) व्याकरण का प्रमुख हिस्सा है। 
(b) हिंदी भाषा-शिक्षण का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य है। 
(c) भाषिक अभिव्यक्ति को प्रभावी बनाता है।
(d) केवल गद्य पाठों के अभ्यासों का हिस्सा है। 
Q6. भाषा-शिक्षण के संदर्भ में कौन-सा कथन सही है?
(a) भाषा-शिक्षण में समृद्ध भाषिक परिवेश उपलब्ध कराना जरूरी है
(b) भाषा की नियमबद्ध व्यवस्था को केवल व्याकरण के माध्यम से ही जाना जा सकता है। 
(c) भाषागत शुद्धता के प्रति अत्यधिक कठोर रवैया अपनाना चाहिए। 
(d) समृद्ध भाषिक परिवेश में बच्चे स्वयं नियमों का निर्माण करते है
Q7. भाषा-शिक्षण का निर्माणकारी उपागम इस बात पर बल देता है कि 
(a) बच्चों को भाषाई नियम कंठस्थ करवाए जाएँ। 
(b) बच्चों की भाषागत शुद्धता पर विशेष बल नहीं देना चाहिए। 
(c) व्याकरण के नियम जानना ही शुद्ध भाषा-प्रयोग का एकमात्र आधार है । 
(d) बच्चे समाज में व्याप्त भाषायी व्यवहार का अवलोकन करते हैं।
Q8. भाषा सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में अर्थ गढ़ने का आधार मुख्यतः है
(a) पाठ्य-पुस्तक 
(b) समाज-सांस्कृतिक परिवेश 
(c) शिक्षक द्वारा अर्थ बताना 
(d) शब्द-कोश देखना
Q9. बच्चा स्वभाविक रूप से अपने घर और समाज के वातावरण से ……….अर्जित करता है।
(a) व्याकरण
(b) भाषा 
(c) वाक्य
(d) शब्द 
Q10. भाषा-शिक्षण की प्रक्रिया
(a) भाषा की कक्षा में ही संभव है। 
(b) घर में संभव नहीं है। 
(c) विभिन्न विषयों की कक्षाओं में भी संभव है।
(d) अत्यंत जटिल प्रक्रिया है।
Answers

S1. Ans.(d)
Sol. बच्चे अपनी मातृभाषा में किसी ‘ विषय-वस्तु को सहजता से सीख लेते हैं। भाषा-शिक्षण में यदि बालक की मातृभाषा को नकारा जाये, तो उनके लिए नयी भाषा सीखना कठिन हो जाता है

S2. Ans.(b)
Sol. भाषा-अधिगम का उद्देश्य रोजगार पाना नहीं होता है अपितु भाषा सीखने के द्वारा मनुष्य का समाजीकरण होता है। यदि मनुष्य एक से अधिक भाषा सीखता है, तो उसके समाजीकरण का दायरा उसी प्रकार बढ़ जाता है। 
S3. Ans.(d)
Sol. भाषा का प्रयोग किये बिना किसी भी विषय का शिक्षण संभव नहीं है। अन्य विषयों की कक्षाओं में विविध रूप से भाषा का प्रयोग किया जाता है। बच्चे दूसरे विषयों को सीखने-समझने के लिए भाषा का उचित प्रयोग करते हैं। यह प्रयोग भाषा-अधिगम को पुष्ट करता 
S4. Ans.(d)
Sol. बच्चों में भाषा सीखने की क्षमता जन्मजात होती है, अत: बच्चों को उचित तथा समृद्ध भाषिक परिवेश उपलब्ध करवाना चाहिए, जिससे वे भाषा अर्जित कर सके। 

S5. Ans.(c)
Sol. मुहावरे तथा लोकोक्तियों के प्रयोग से भाषिक अभिव्यक्ति को प्रभावी बनाया जाता है। इससे कही गई बात को बल मिलता है। 
S6. Ans.(a)
Sol. भाषा की नियमबद्ध व्यवस्था को केवल व्याकरण के माध्यम से ही नहीं जाना जाता है। भाषा-शिक्षण में समृद्ध भाषिक परिवेश उपलब्ध कराना जरूरी है
S7. Ans.(d)
Sol. भाषा-शिक्षण के संदर्भ में निर्माणकारी उपागम इस बात पर बल देता है कि व्यवहार के आधार पर बच्चे समाज में व्याप्त भाषायी व्यवहार का अवलोकन करते हैं। बच्चों के अंदर अर्जन करने की क्षमता जन्मजात होती है तथा इस क्षमता का प्रयोग करते हुए वे सामाजिक व्यवहार में प्रयुक्त भाषा को अर्जित करते हैं।

S8. Ans.(b)
Sol. भाषा सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में अर्थ गढ़ने का आधार मुख्यत: समाज तथा सांस्कृतिक परिवेश ही होना चाहिए क्योंकि इस प्रक्रिया में व्यक्ति के भावात्मक, बोधात्मक तथा क्रियात्मक तीनों स्तरों का प्रयोग किया जाता है। 
S9. Ans.(b)
Sol. चॉम्स्की के अनुसार प्रत्येक बच्चा भाषा-अर्जन युक्ति के साथ पैदा होता है। वह स्वाभाविक रूप से अपने घर और समाज के वातावरण से भाषा अर्जित करता है। 
S10. Ans.(c)
Sol. भाषा का प्रयोग किये बिना किसी भी विषय का शिक्षण संभव नहीं है। अन्य विषयों की कक्षाओं में विविध रूपों में भाषा का प्रयोग किया जाता है। बच्चे दूसरे विषय को सीखने-समझने के लिए भाषा का उचित प्रयोग करते हैं। यह प्रयोग भाषा-अधिगम को पुष्ट करता है।