हिंदी भाषा TET परीक्षा का एक महत्वपूर्ण भाग है इस भाग को लेकर परेशान होने की जरुरत नहीं है .बस आपको जरुरत है तो बस एकाग्रता की. ये खंड न सिर्फ CTET Exam (परीक्षा) में एहम भूमिका निभाता है अपितु दूसरी परीक्षाओं जैसे UPTET, KVS,NVS DSSSB आदि में भी रहता है, तो इस खंड में आपकी पकड़, आपकी सफलता में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है.TEACHERS ADDA आपके इस चुनौतीपूर्ण सफ़र में हर कदम पर आपके साथ है।
Q1. ‘संयोग’ शब्द का विलोम है-
(a) दुर्योग
(b) वियोग
(c) सहयोग
Q2. नीचे दिये शब्द युग्म में कौन-सा त्रुटिपूर्ण है ?
(a) अनुग्रह-आग्रह
(b) अनन्त-सांत
(c) जड़-चेतन
(d) आकृष्ट-विकृष्ट
Q3. ‘आकलन’ शब्द का विलोम है-
(a) विकलन
(b) संकलन
(c) समाकलन
(d) प्राक्कलन
Q4. निम्नलिखित में से शुद्ध वर्तनी वाला शब्द कौन-सा है ?
(a) अन्ताक्षरी
(b) अन्त्याक्षरी
(c) अन्ताक्षिरी
(d) अन्ताक्षिणी
Q5. नीचे दिये शब्दों में किसकी वर्तनी शुद्ध है ?
(a) संन्यासी
(b) आकाल
(c) अनुग्रहीत
(d) आजीवका
Q6. ‘देवर’ का तत्सम शब्द –
(a) देववर
(b) द्विवर
(c) दुर्वर
(d) द्वितीयवर
Q7. ‘निराशा’ शब्द में कौन-सी संधि है ?
(a) स्वर संधि
(b) व्यंजन संधि
(c) विसर्ग संधि
(d) स्वर और व्यंजन संधि
Q8. निम्नलिखित शब्दों में किसमें विसर्ग संधि है ?
(a) दूर्गम
(b) राजेंद्र
(c) निश्चल
(d) उज्जवल
Q9. निम्नलिखित शब्दों में से किसमें स्वर संधि है ?
(a) तपोगुण
(b) रामायण
(c) अतएव
(d) सज्जन
Q10. ‘निर्विवाद’ में कौन-सा समास है ?
(a) कर्मधारय
(b) अव्यभीभाव
(c) तत्पुरूष
(d) बहुब्रीहि
उत्तरतालिका
S1. Ans.(b)
Sol. व्याख्या – ‘ संयोग’ का विलोम ‘वियोग’ है। ‘सुयोग’ का विलोम ‘कुयोग’ तथा ‘असहयोग’ का विलोम ‘सहयोग’ होगा। इसी प्रकार ‘योग’ का विलोम ‘दुर्योग’ होगा।
S2. Ans.(a)
Sol. व्याख्या- ‘अनुग्रह’ का विलोम ‘आग्रह’ नहीं है। अनुग्रह का अर्थ है कृपा जिसका वीलोम होगा ‘विग्रह’ या ‘अत्याचार’, ‘जड़’ का विलोम ‘चेतन’ तथा ‘आकृष्ट’ का विलोम ‘विकृष्ट’ होगा। सांत एक अंतयुक्त विशेषण है। अय अनन्त का विलोम है। अंत् प्रत्यंत, आद्यंत, सीमित, परिसीतित; अनन्त के अन्य विलोम हो सकते हैं।
S3. Ans.(a)
Sol. व्याख्या- ‘आकलन’ का विलोम ‘विकलन’ है। संकलन, समाकलन तथा प्राककलन उचित विपरीत अर्थ प्रस्तुत नहीं करते हैं।
S4. Ans.(b)
Sol. व्याख्या- ‘अन्त्याक्षरी’ शुद्ध वर्तनी वाला शब्द है। शेष विकल्प त्रुटिपूर्ण हैं।
S5. Ans.(a)
Sol. व्याख्या- संन्यासी शुद्ध वर्तनी वाला शब्द है, जबकि ‘आकाल’, ‘अनूग्रहीत’ तथा ‘आजीवका’ की शुद्ध वर्तनी क्रमशः ‘अकाल’, ‘अनुगृहीत’ तथा ‘आजीवका’ की शुद्ध वर्तनी क्रमशः ‘अकाल’, ‘अनुगृहीत’ तथा ‘आजीविका’ है।
S6. Ans.(b)
Sol. व्याख्या- ‘देवर’ का तत्सम शब्द ‘द्विवर’ है, शेष विकल्प गलत हैं।
S7. Ans.(c)
Sol. व्याख्या- प्रश्नगत ‘निराशा’ शब्द मं विसर्ग संधि है। यदि विसर्ग के पूर्व अ या आ के अतिरिक्त कोई अन्य स्वर और इसके पश्चात पाँचों वर्गों के तीसरे, चैथे या पाँचवें वर्ण य, र, ल, व, ह अथवा कोई स्वर हो तो विसर्ग का ‘र’ हो जाता है, जैसे- निः + आशा = निराशा, निः + जल = निर्जल, निः + आधार = निराधार ।
S8. Ans.(a)
Sol. व्याख्या- यदि विसर्ग के पहले अ, आ को छोड़कर कोई अन्य स्वर हो और बाद में वर्ग का तीसरा, चैथा, पाँचवां वर्ग या य, र, ल, व, ह या कोई स्वर हो तो विसर्ग के स्थान पर र् हो जाता है,
जैसे- दुः + गुण = दुर्गण, दुः + जन = दूर्जन। इसी प्रकार दुः + गम = दुर्गम।
S9. Ans.(b)
Sol. व्याख्या- रामायण में स्वर संधि है। दो स्वरों के साथ या आस-पास आने से जो संधि होती है, उसे स्वर संधिक कहते हैं। जैसे- विद्या + आलय = विद्यालय ।
S10. Ans.(b)
Sol. व्याख्या- ‘निर्विवाद’ अर्थात् ‘बिना विवाद के’ में अव्यीभाव समास है।
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