निर्देश(1-10): नीचे दिए गए परिच्छेद में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए गए हैं तथा उन्हें प्रश्न संख्या से दर्शाया गया है। ये संख्याएं परिच्छेद के नीचे मुद्रित हैं और प्रत्येक के सामने (1),(2), (3), (4) और (5) विकल्प दिए गए हैं। इन पाचों में से कोई एक इस रिक्त स्थान को पूरे परिच्छेद के संदर्भ में उपयुक्त ढंग से पूरा कर देता है। आपको वह विकल्प ज्ञात करना है, और उसका क्रमांक ही उत्तर के रूप में दर्शाना है। आपको दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन करना है।
एक सूफी कथा है कि रात इबादत के बाद जब सूफी सोने के लिए गया, तो नींद में स्वप्न देखता है। (1) में उसको अल्लाह की आवाज सुनाई देती है और वह दिव्य (2) कहती है कि ‘जिस शहर में तू रह रहा है, उस शहर में पापी लोग रहने लग गए हैं। इसीलिए इस शहर को अब गर्क हो जाना चाहिए तो अब मेरा कहर इस शहर पर (3)। लेकिन तू मेरा बंदा है, इसलिए तुझसे कह रहा हूँ कि कल सुबह तू इस शहर को छोड़ दे। यहाँ नहीं रहना अब!’
सूफी वापस उस इलाही आवाज से प्रश्न करता है कि ‘या मालिक! क्या यह सच है कि इस पूरी पृथ्वी पर सिर्फ कुछ ही सूफी रहते हैं, जो तुझसे मुहब्बत करते हैं और जिनसे तू (4) करता है, क्या यह सही है?’
खुदाई आवाज ने कहा, ‘हाँ बिल्कुल सच है।’
सूफी ने फिर सवाल किया, ‘जिससे तू मुहब्बत करता है, उस शख्स को क्या फिर तू नुकसान दे सकता है?’ आवाज, ‘बिल्कुल भी नहीं। वह शख्स तो मेरा प्यारा है।’
सूफी ने सवाल किया, ‘अगर एक ही शहर में सौ सूफी रहते हों और बाकी सब पापी हों, तो क्या करोगे?’
इलाही आवाज ने जवाब दिया, ‘जिस शहर में सौ सूफी रहते हों, उस शहर पर तो मेरी रहमत (5)। एक साथ सौ सूफी!’
सूफी ने फिर सवाल किया, ‘और मान लो, उस शहर में अगर पचास ही सूफी रहते हों, तो?’
जवाब आया, ‘पचास हों, तो भी रहमत बरसेगी।’ सूफी ने फिर सवाल किया, ‘अगर सिर्फ दस ही सूफी हों और बाकी सब पापी हों तो क्या?’ जवाब आया, ‘उन दस के लिए मैं बाकी (6) को भी क्षमा कर दूंगा। क्योंकि मेरा प्यारा दरवेश उस शहर में रहता है। दस की ही गिनती में भला क्यों न हों! इतने भी मेरे लिए बहुत हैं।’
सूफी ने कहा, ‘तो अब मेरा आखिरी सवाल है। मान लो, उस शहर में सिर्फ एक ही (7) रहता है, तो क्या करोगे?’ जवाब आया, ‘उस एक के लिए मैं सारे पापियों को क्षमादान दे दूंगा।’ तो सूफी कहता है, ‘तो दे दो न फिर! जिस शहर में मैं रह रहा हूँ, उस शहर के लोगों को भी क्षमा दे दो। तू मुझसे मुहब्बत करे, तू मुझको जीवित देखना चाहे, मुझको कोई (8) न हो, ऐसी तेरी इच्छा है। जो कहर तेरा इस शहर पर नाजिल होने वाला है, उसके बारे में तू मुझे पहले से ही बता रहा है, वह इसीलिए न, ताकि मैं यह (9) छोड़ दूं। लेकिन इस शहर में मैं बसता हूँ और तेरा वादा है कि जो तुझसे मुहब्बत करे, उससे तू करोड़ों गुणा अधिक मुहब्बत करेगा।’
कहते हैं, इलाही आवाज अंतिम बार फिर बोली ‘सच है, जो कहा सो सच है। तुझ एक सूफी के लिए, तुझ एक (10) के लिए मैंने पूरे शहर को क्षमादान दे दिया।
(1)
(a) आंगन
(b) बाग
(c) दालान
(d)स्वप्न
(e) खलिहान
(2)
(a) व्यक्ति
(b) विभूति
(c) आवाज
(d) आत्मा
(e) ध्ड़कन
(3)
(a) मचेगा
(b) ढ़लेगा
(c) चमकेगा
(d) अटकेगा
(e) गिरेगा
(4)
(a) इबादत
(b) गैरत
(c) नफरत
(d) बहस
(e) मुहब्बत
(5)
(a) ध्ड़केगी
(b)पिफसलेगी
(c) चमकेगी
(d) बरसेगी
(e) रंग लायेगी
(6)
(a) बच्चों
(b) साथियों
(c) पापियों
(d) धनियों
(e) वहशियों
(7)
(a) आदमी
(b) प्राणी
(c) दुःखी
(d) सूफी
(e) काफिर
(8)
(a) फायदा
(b) दरकार
(c) नुकसान
(d) आराम
(e) सुख
(9)
(a) रास्ता
(b) आदत
(c) इबादत
(d) शहर
(e) कहर
(10)
(a) आदम
(b) जीव
(c) शहर
(d) नहर
(e) दरवेश
समाधान:
S1. d
S2. c
S3. e
S4. e
S5. d
S6. c
S7. d
S8. c
S9. d
S10. e